छात्र से लेकर स्थानीय लोग करते है मौते के मुंह से होकर सफर

ख़बरें अभी तक। जौनपुर में इन दिनों स्कूल के छात्रों से लेकर स्थानीय लोगों को मजबूरी में रोजाना मौते के मुंह से होकर सफर करना पड़ रहा है। लगातार भारी बरसात के चलते जिले की सईं नदी उफान पर बह रही है। लेकिन जिला प्रशासन इतनी बड़ी समस्या को नजरअंदाज कर जौनपुर के सईं नदी के इस घाट के सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर आज तक जायजा नहीं लिया। जिससे के चलते कभी भी बड़ा हादसा होने का खतरा बना रहता है।

जलालपुर थाना के धनेजा गांव के घाट की यह तस्वीर आज की नई नही है, बल्कि हर साल बरसात के मौसम मे लोगो को जोखिम भरी जलालत झेलनी पड़ती है।  सई नदी पर पुल नही बनने के चलते लोगों को आज भी दशकों पुरानी व्यवस्था के बीच ही मजबूरी में जीवन गुजारना पड़ रहा है। स्कूल कॉलेज, बाजार शहर आने-जाने के लिए मजबूरन मे नाव का सहारा लेना पड़ रहा है। यहां तक उस गांव में लोग अपनी बेटियोंयो की शादी करना नहीं चाहते है।

बरसात के  समय कई महिनो तक हर रोज सैंकड़ों लोग, इसी तरह नाव से अपनी जीवन की बेढ़ा पार करते आज तक चले आ रहे। कहने को लोग बता रहे कि दर्जनों गांवों के लोगों को शहर आने-जाने का प्रमुख मार्ग यही है, इसका प्रयोग ना करे तो लोगों को कई मिलो दूर तक का सफर करने के बाद जौनपुर शहर आ-जा सकते है। लोगों की माने तो एक समय पुल बनने का काम सपा सरकार मे शुरू तो हुआ लेकिन, सरकार गिरने के बाद आधे काम में लटक गया, जनता के जीवन के साथ आखिर इस तरह की लापरवाही कब तक चलती रहेगी। लोगों को जान जोखिम मे डालकर सफर करने के बाद कैसा लगता है.

चुनाव में वोट लेने के लिए सभी पार्टी के नेता गांव में विकास करने की बात किया करते है लेकिन चुनाव जितने के बाद सरकार तो बदल जाती है लेकिन गांव की तस्वीर नहीं बदल पाती है। अब देखना यह होगा की आने वाले 2019 के लोक सभा से पहले गांव की तस्वीर बदल पाता है या नहीं यह तो समय ही बतायेगा।