गंगा कटान से सैंकड़ों किसानों की जमीने गंगा में समाई

ख़बरें अभी तक। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में लगातार बारिश ने ऐसा कहर बरपाया जिससे लोग अभी सम्भले भी नहीं थे कि उन्नाव में भी लगातार बारिश के बाद गंगा खतरे के निशान से ऊपर है, गंगा अब पूरी तरह से भायावा रूप ले चुकी है यहां के लोग अब गंगा के इस विकराल रूप से डरने लगे है उफनती गंगा की धारा अब ग्रामीण इलाकों को कटान में तब्दील कर चुकी है कई घर गंगा में समा गए जिसके चलते कई ग्रामीण पलायन कर रहे हैं। जिला प्रशासन की ओर से कटान का निरीक्षण तो किया जा रहा है लेकिन मुख्यमंत्री ने जो मापदंड बनाये उस पर काम नहीं हो पा रहा है, जिसके चलते ग्रामीण परेशान हैं।

उन्नाव जनपद में गंगा किनारे बसे इलाकों में गंगा कहर बरपा रहीं हैं एक हफ्ते की लगातार बारिश ने गंगा को खतरे के निशान से ऊपर पहुंचा दिया है। गंगा किनारे बसे शुक्लागंज, चंपापुरवा, शक्तिनगर, रविदारनगर, मिश्रा कॉलोनी, गंगानगर समेत कई ग्रामीण इलाके में बाढ़ जैसे हालात हैं। घरों के भीतर पानी भरने से जनजीवन तबाही की कगार पर है ऐसे इलाकों में नाव से चलना मजबूरी हो गई है। वहीं गंगा कटान भी तेज़ी से विस्तार रूप ले रहा है। वहीं उन्नाव के डौडिया खेड़ा व दुली खेड़ा गांव समेत कई क्षेत्रों में रहने वाले लोग अब बेघर हो गए है दर्जनों किसानों की झोपड़ी गंगा में समा गई कई घर बेघर हो गए.

गंगा के बढ़ते जल स्तर और कटान से किसान अब अपनी धान की कच्ची फसल को काटने लगे है उंन्हे डर है की सारी फसल बर्बाद हो जाये गी और करे भी क्या किसान भी मजबूर है आखिर गंगा की तबाही के बाद भी उन्नाव का जिला प्रशासन गहरी नींद में खर्राहटे ले रहा है क्यों कि उन्नाव का प्रशाशन हमेशा बड़ी घटना का इंतजार कर रहा होता है। गंगा किनारे बसे लोगों तक अभी मुलभुत सुविधाएं नहीं पहुचाई गयीं। प्रभावित इलाकों के लोगो का कहना है कि गंगा की कटान तेज़ी से हो रहा है। वही आज चेतावनी बिंदु 112मीटर है जबकि खतरे का निशान 113 मीटर पर सबको डरा रहा है बुधवार रात तक जलस्तर 112.540 तक पहुंच चुका है.

बाढ़ से निपटने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जिलाधिकारियों के साथ बैठक की थी और सरकार के मापदंडों का पालन करने का निर्देश दिया था। मुख्यमंत्री का कहना था कि बाढ़ राहत शिविर में बेहतर इंतज़ाम किये जायें, जहां प्रभावितों को अपनी सरकार होने का एहसास हो सके। तमाम निर्देशों के बाद भी उन्नाव में कोई खास इंतजाम नहीं किया गया।