गांवों में सीवरेज की सुविधा प्रदान करना मुख्य लक्ष्य: राज्य मंत्री

ख़बरें अभी तक। चंडीगढ़ : हरियाणा के जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी राज्य मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने कहा कि राज्य में थर्मल प्लांटस, उद्योगों, कृषि, बागवानी इत्यादि क्षेत्रों में, जहां बहुत अधिक मात्रा में पानी का उपयोग होता है, वहां रियूज ट्रीटीड वाटर की आपूर्ति की जाएगी, जिससे पीने के पानी की बचत होगी। इस योजना के लिए जल्द रियूज ट्रीटीड वाटर पॉलिसी तैयार कर इसे अमल में लाया जाएगा। डॉ. बनवारी लाल बुधवार को चण्डीगढ में  राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में सीवरेज प्रणाली को सफल बनाने हेतू प्रयास पर आयोजित कार्यशाला में बोल कर रहे थे। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा हरियाणा की स्वर्णजयंती के अवसर पर महाग्राम योजना की शुरूआत की गई। इस योजना के तहत गांवों में सीवरेज की सुविधा प्रदान करना मुख्य लक्ष्य है।

डॉ. बनवारी लाल ने बुधवार को चंडीगढ़ में  राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में सीवरेज प्रणाली को सफल बनाने हेतू प्रयास पर आयोजित कार्यशाला में कहा की अभी महाग्राम योजना के तहत सीवरेज की सुविधा उन गांवों में मुहैया करवाई जा रही है जिनकी जनसंख्या जनगणना 2011 के अनुसार 10,000 व्यक्ति से अधिक है। हरियाणा राज्य में 10 हजार से अधिक जनसंख्या वाले  116 गांव है और इन गांवों में से 9 गांव प्रथम चरण मे शामिल किए गए है जिन पर कार्य प्रगति में है। द्वितिय चरण में 11 ओर गांवों को शामिल किया गया है, जिन पर तकनीकी प्रस्ताव व विस्तृत परियोजना रिर्पोट स्वीकृत हो चुकी है। इसके अतिरिक्त तृतीय चरण में 37 गांव शामिल है जिनकी विस्तृत परियोजना रिर्पोट को बनाने का कार्य चल रहा है। उन्होंने कहा कि गांव के लोगों को सीवर सिस्टम के बारे में जागरूक करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि कोई भी सरकारी योजना लोगों के सहयोग और स्वीकृति के बिना सफल नहीं हो सकती है। इसलिए इस योजना को सरकारी योजना न बनाकर जनभागीदारी के साथ एक अभियान के रूप में लें।

उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल के दौरान ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में 163 नहर आधारित जलघर चालू किए जा चुके हैं, इसके अतिरिक्त 2055 नलकूप तथा 463 बूस्टिंग स्टेशन चालू किए गये हैं। 7857 किलोमीटर पाईप लाईने बिछाई गई हैं और 1054 गांवों में पेयजल सुविधा में सुधार तथा बढ़ोतरी की गई है। इसके अतिरिक्त अस्वीकृत कालोनियों में सामूहिक नल तथा रिवर्स ओसमोसिस संयंत्र के द्वारा पेयजल आपूर्ति का एक पायलट प्रोजक्ट प्रस्तावित किया गया हैं। उन्होंने बताया कि हर घर को पीने के पानी को उपलब्ध करवाने व सभी ढाणियों मे नियमानुसारय जिसकी आबादी 100 व्यक्तियों से ज्यादा है, पानी उपलब्ध करवाने के लिए फलैगशिप प्रोग्राम के तहत रोडमेप बनाया गया है और इसे लागू किया गया है। नवीनतम सर्वे के अनुसार, 740 ढाणियों में से 608 ढाणियों मे पहले ही जल सुविधा प्रदान की जा चुकी है शेष बची हुई 132 ढाणियों में से, 21 ढाणियों में कार्य प्रगति पर है, जिनका कार्य 31 मार्च 2019 तक पूरा कर लिया जायेगा।

डॉ. बनवारी लाल ने कहा कि जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग गांवों व शहरों में पानी की सप्लाई को सुचारू रूप से चला रहा है तथा पानी की सुविधा की बढोतरी हेतु कई कार्य किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि 53 मलजल उपचार संयंत्र बना कर चालू कर दिये गए हैं और 20 मलजल उपचार संयंत्र बनाने का कार्य आरम्भ कर दिया गया है।

उन्होंने बताया कि पानी के सरंक्षण के लिए भी एक विशेष अभियान 16 चलाया गया है जिसके तहत घर घर जाकर पानी के नये कनैक्शन दिये जा रहे है तथा पानी के कनैक्शनों को चैक भी किया जा रहा है ताकि पानी व्यर्थ न बहे।  इसी तरह टुटी लगाओ-जल बचाओ अभियान भी चलाया जा रहा है जिसके तहत खुली पाईपों पर टुटियां लगाई जा रही है और पानी को व्यर्थ बहने से रोका जा रहा है।