नूंह में बसे गांव ने बनाई अपनी पहचान, गांव में हो रहा तेजी से विकास

खबरें अभी तक। नूंह खंड का अरावली की तलहटी में बसा गांव बीवां विकास के लिए अपनी पहचान बना चुका है। गांव की जनसंख्या करीब 1100 है , तो 150 घर हैं। मतदाताओं की संख्या 530 के करीब है। कुछ साल पहले ही इस गांव को अलग पंचायत मिली है। गांव के लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि है। जमीन कम है और पुराने तरीके पर इस गांव के किसान खेती करते आ रहे थे। वर्ष 2011 में एबीएस एनजीओ का गठन हुआ और जाने – माने व्यवसायी एसएस संधू ने गांव के विकास से लेकर लोगों के स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम शुरू किया।

इससे पहले गरीबों के मकान बनाने से लेकर विवाह – शादियों में एसएस संधू आर्थिक मदद वर्ष 1988 से कर रहे थे। सबसे पहले एबीएस संस्था के प्रोग्राम डायरेक्टर नवीन लाठर की नजर गांव की छोटी सी मदीना मस्जिद पर गई। आज वहीं छोटी सी मस्जिद बड़ा और आलीशान रूप ले चुकी है। सबसे खास बात तो यह है कि हर घर के वाटर रिचार्ज सिस्टम को मजबूत किया। उसी की बदौलत गांव की गलियों – सड़कों से लेकर नालियों में गंदगी ही नहीं पानी की बूंद तक दिखाई नहीं पड़ती। गांव में वर्ष 2013 में ही हर घर में शौचालय बन चुका था।

पीएम नरेंद्र मोदी की अपील से पहले ही यह गांव एनजीओ ने ओडीएफ कर दिया था। तत्कालीन उपायुक्त मनीराम शर्मा की मदद से गांव के हर घर में बिजली के मीटर तो लगे , लेकिन 24 घंटे बिजली नहीं मिल पा रही है। जब संस्था ने बीवां गांव में काम करना शुरू किया तो यहां टीबी रोगियों की संख्या अधिक थी। जिसके चलते वर्षभर में 4 -5 स्वास्थ्य शिविर लगवाने शुरू किये गए तो लोगों के स्वास्थ्य पर इसका असर देखने को मिला। गांव की गलियों में पीने के पानी के लिए पाइप लाइन डलवाई गई।

मलेरिया और डेंगू से निपटने के लिए अपनी मशीन और दवाई खरीदकर गांव में फागिंग कराई जाती है , इतना ही नहीं नालियों में काला तेल डाला जाता है। उसी का नतीजा है कि आज एक भी मच्छर से होने वाली बीमारी यहां पिछले दो सालों से किसी को नहीं हुई है। गांव के किसानों को उन्नत खेती के लिए प्रोत्साहित किया। अनपढ़ किसानों को भी पूसा जैसे संस्थान में प्रशिक्षण दिलवाकर उनकी आजीविका को बेहतर बनाने में मदद की गई। एबीएस संस्था के प्रोग्राम डायरेक्टर नवीन लाठर ने मेवात जिले में ग्रामीण खेलों को बढ़ावा देकर नशे की लत में पड़ने वाले बच्चों की संख्या में कमी लाने की भरपूर कोशिश की।

पिछले साल प्रो कबड्डी लीग कराई गई। जिसमें जिलेभर की करीब 32 टीमों ने भाग लिया। प्रो कबड्डी लीग में लोगों ने खूब उत्साह दिखाया।  खास बात तो यह रही कि भारत को कर बार गोल्ड दिलाने वाले कबड्डी टीम के कप्तान अनूप कुमार को फिरोजपुर नमक गांव में बुलवाकर लोगों को उन्हें करीब से देखने और बात करने का अवसर दिया।