गांव में बादल फटने के बाद से खाने को तरस रहे ग्रामीण

ख़बरें अभी तक। हिमाचल प्रदेश के दूर दराज कूट पंचायत के लोगों की बादल फटने के बाद सुध लेने वाला कोई नहीं। 17 अगस्त को बादल फटने की घटना के बाद क्षेत्र के लोगों का पूर्ण रूप से कटा है यातायात सम्पर्क। अब तक सरकार की ओर से नहीं मिली है कोई सहायता। लोग राशन खत्म होने के कारण एक टाइम भोजन कर निकाल रहे है समय। लोगों का आरोप वाहन मार्ग है 4 अगस्त से बंद। जिस से स्थानीय दुकानों में भी खत्म हो चुका है राशन। हिमाचल प्रदेश के शिमला जिला के दुर्गम पंचायत कूट में बादल फटने बाद जनजीवन पटरी से उत्तर गया है। लोग राशन की कमी के कारण दिन में एक टाइम ही भोजन कर समय निकाल रहे है। लोगों का कहना है की कूट पंचायत मुख्यालय को जोड़ने वाला मार्ग 4 अगस्त को भारी वर्षा के कारण अवरूद्ध हुआ था।

लोगों को आशा थी कि मार्ग जल्द खुल जाएगा लेकिन 17 अगस्त को बादल फटने से क्षेत्र में और तबाही मच गई। कूट पंचायत के उपप्रधान मोहर सिंह ने बताया बादल फटने के बाद उन का हाल जानने कोई प्रशासनिक अधिकारी नहीं पहुंचा है और ना ही कोई मदद मिली है। सरकार से मांग है की जल्द मार्ग खोला जाए। उन्होंने बताया कूट पंचायत के आखिरी गांव किनफी की तो हालत और बदतर है।

आपस में गांव को जोड़ने वाले सभी पल ध्वस्त हो गए थे। स्थानीय लोगों और पंचायत की मदद से कूट खड्ड पर अस्थाई झूला और पल बनाया गया है। सरकार की ओर से अब तक कोई मदद नहीं दी जा रही है और न ही वैकल्पिक  पैदल मार्ग को ठीक कर राशन पहुंचने की व्यवस्था हो रही है। वर्तमान में लोगों को जोखिमपूर्ण पैदल  मार्ग में चार से पांच घंटे सफर कर कूट पहुंच रहे है। बीमार, बच्चे व् बजुर्गो का इस रस्ते चलना असम्भव है।

कूट युवक मंडल सचिव ने बताया बादल फटने के बाद पंचायत मुख्यालय का सम्पर्क टूट चुका है। कूट खड्ड में लगा पुल बह गया था। लोगों ने स्वयं प्रयास कर खड्ड पार करने के लिए अस्थाई पल बनाया है। अनिल कुमार ने बताया की 17 अगस्त को बदल फटने के बाद अभी तक प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं मिली है और ना ही राशन की व्यवस्था हुई है। जो वाहन मार्ग है वो 4 अगस्त से ही बंद है। लोग राशन खत्म होने के कारण दिन में एक समय खाना खा कर गुजरा कर रहे है।