कावड़ विवाद में दो समुदाय के 725 लोगों पर FIR दर्ज

ख़बरें अभी तक। बरेली के बिथरी चैनपुर में आखिरी सोमवार से एक दिन पहले उपजे विवाद ने उग्र रूप ले लिया है जिसके बाद पुलिस ने दोनों समुदाय के 725 लोगों पर एफआईआर दर्ज की है. वहीं कावड़ यात्रा की डीएम द्वारा परमिशन नहीं मिलने से नाराज ग्रामीण अब मुस्लिम धर्म कबूल करने की बात कह रहे है. आखिरकार प्रसाशन की जीत हुई और विधायक की हार, विधायक पप्पू भरतौल ने पिछले रविवार कांवड़ियों से कहा था कि कावड़ यात्रा मुस्लिम बाहुल्य गांव उमरिया से होकर ही निकलेगी जिसके बाद उमरिया के ग्रामीणों ने इसका विरोध कर दिया.

हालात ज्यादा तनावपूर्ण होते देख डीएम ने कावड़ यात्रा निकालने की परमिशन नहीं दी. जिसके बाद कावड़िए गांव में ही शिव मंदिर के बाहर धरने पर बैठ गए थे और आज पुलिस प्रसासन ने कांवड़ियों का धरना समाप्त करवा दिया. एसडीएम सदर एमपी सिंह का कहना है कि गांव से धरना समाप्त हो गया है और अब कोई विवाद नहीं है. वहीं एसपी सिटी का कहना है कि कल दोनों समुदाय के लोग सड़क पर आ गए थे और हंगामा कर रहे थे जिस वजह से दोनों समुदाय के 725 लोगों पर पुलिस की तरफ से एफआईआर दर्ज की गई है.

वहीं इस मामले में खजुरिया गांव के लोगों का कहना है कि योगी सरकार हिन्दू विरोधी है और अब वो लोग धर्मांतरण करेंगे, ग्रामीण प्रदीप मिश्रा का कहना है कि अब वो चोटी कटवाकर मुस्लिम धर्म कबूल करेंगे. उन्होंने कहा कि सिर्फ 5 कांवड़ियों को प्रशासन ने कहा था कि वो अपनी गाड़ी से जल लेने ले जाएंगे लेकिन प्रशासन उतना भी नहीं कर सका और मुस्लिम लोगों के आगे झुक गया, जबकि उमरिया गांव की सरकारी सड़क है. कावड़ यात्रा की परमिशन नहीं मिलने से खजुरिया गांव के लोगों में जबरदस्त आक्रोश है अब उनका कहना है कि वो मोहर्रम में किसी भी कीमत पर नहीं निकलने देंगे.

वहीं कावड़ यात्रा की परमिशन नहीं मिलने से हिन्दू संगठनों में भी जबरदस्त आक्रोश है. कल से विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष पवन अरोड़ा अपने कार्यकर्ताओं के साथ खजुरिया गांव में धरने पर बैठ गए. पवन अरोड़ा का कहना है कि जिला प्रशासन की तरफ से एक सहमति बनी की केवल 5 लोग कावड़ लेकर जायेगे. जिनको पुलिस ले जाएगी लेकिन प्रशासन उसमे भी डर गया. उन्होंने कहा कि आज़ाद देश मे हमें कावड़ भी नहीं ले जाने दी गई. उन्होंने कहा खासतौर पर हिन्दुओं को अपने ही देश में इस तरह का अपमान सहना पड़ा है ये बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है.

वहीं उमरिया गांव के लोगों का कहना है कि वो कावड़ किसी भी कीमत पर निकलने नही देंगे. फिलहाल प्रशासन ने कावड़ यात्रा की परमिशन न देकर आफत मोल ले ली है. अब मोहर्रम में ताजिये निकालने के दौरान बड़ा विवाद हो सकता है क्योंकि हिन्दू समाज में सरकार और प्रशासन के प्रति जबरदस्त आक्रोश है.