हरदोई में समाजवादी पार्टी के नेता की दबंगई, ग्रामीणों से खेतों के पट्टे व आवास दिलाने के नाम पर करता है धन उगाही

खबरें अभी तक। प्रदेश में भाजपा सरकार होने के बावजुद भी किस तरह सपाई गुंडागर्दी व धन उगाही के काम में लगे हुए हैं। इसका जीता जागता उदाहरण हरदोई में देखा जा सकता है। अभी चार दिन पहले ही समाजवादी पार्टी के प्रदेश सचिव संजय कश्यप के विरुद्ध एक दरोगा द्वारा अमानत में खयानत का मुकदमा लिखाया गया था, और अब दलित ग्राम प्रधान को कठपुतली बनाकर खेतों के पट्टे व आवासों के नाम पर अवैध वसूली का मामला सामने आया है। जिस पर पुलिस अधीक्षक ने तत्काल जांच कर मुकदमा पंजीकृत करने का निर्देश जारी किया है।

समाजवादी पार्टी के प्रदेश सचिव संजय कश्यप की गिनती हरदोई में दबंग नेताओं के रूप में की जाती है। विगत 19 अगस्त को हरदोई के एक थाने में तैनात उपनिरीक्षक द्वारा उनके विरुद्ध अमानत में खयानत की एफ.आई.आर.दर्ज कराई गई थी। अभी इस मामले के 4 दिन ही बीते थे कि इस सपा नेता के गांव वालों ने हरदोई के पुलिस अधीक्षक से मिलकर प्रार्थना पत्र दिया कि हमारे कई वर्षों से खेतों के पट्टे चले आ रहे हैं और दबंग सपा नेता संजय कश्यप व इनके भाई पवन कश्यप ने एक दलित ग्राम प्रधान को अपने कब्जे कर कठपुतली बना रखा है व हम गरीबों के खेतों पर कब्जा कर लिया है।

बुजुर्ग ग्रामीण महिला रामकली व अन्य ग्रामीणों ने बताया दबंग संजय कश्यप समाजवादी पार्टी के प्रादेशिक नेता हैं व ग्राम प्रधान शेष कुमार दलित धानुक बिरादरी से ताल्लुक रखता है। जिसे सपा नेता द्वारा एक तरह से बंधक बना कर रखा गया है। क्योंकि ग्राम प्रधान के चुनाव के बाद किसी ग्रामीण ने शेष कुमार की शक्ल तक नहीं देखी है। प्रधाना का सारा कार्य संजय कश्यप द्वारा ही चलाया जाता है। हम सभी के पूर्व में पट्टे हुए थे। जिन्हे निरस्त करा कर संजय कश्यप अन्य लोगों के नाम आवंटन कर रहे हैं।  जबकि हम गरीबों का हक़ छीना जा रहा है व जिनके नाम पट्टे किए जा रहे हैं उनके दसियों बीघे जमीन है।  साथ ही प्रधानमंत्री आवास उन लोगों को दिए जा रहे हैं। जिनके दो-दो मंजिले मकान बने हुए हैं व हम गरीबों को रहने लायक जगह तक नहीं है। इसीलिए आज इस दबंग सपा नेता की प्रताड़ना से तंग आकर हम पुलिस अधीक्षक हरदोई से न्याय की गुहार करने आए हैं।पुलिस अधीक्षक विपिन मिश्रा ने मामले का संज्ञान लेते हुए थानाध्यक्ष बिलग्राम को तथ्यों की जांच कर तत्काल FIR दर्ज करने के आदेश दिए हैं।

अब सवाल यह उठता है कि एक तरफ बसपा की सुप्रीमो मायावती समाजवादी पार्टी से गठबंधन कर दलितों का उत्पीड़न रोकना चाहती हैं। वहीं दूसरी ओर समाजवादी पार्टी के प्रादेशिक नेता द्वारा एक दलित प्रधान को एक तरह से बंधक बनाकर प्रधानी का कार्य स्वयं किया जा रहा है व दबंगई का आलम देखिए एक पुलिस के उपनिरीक्षक तक को ठगी के जाल में फंसाया जा रहा है। व दलित ग्राम प्रधान को सपाइयों द्वारा कठपुतली बनाने का कार्य किया जा रहा है। अब आगे देखना यह होगा कि बहुजन समाज पार्टी इस मामले में अपना क्या रुख अपनाती है, यह समय के गर्त में है। वहीं जब इस मामले में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के नेताओं से इस नेता के संबंध में प्रतिक्रिया जानने की कोशिश की गई तो सभी ने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया।