खबरें अभी तक। नैनीताल के काठगोदाम के नजदीक बसा दानीजाला गांव जिसका बीते 4 महीनों में भारी बरसात और गौला नदी के उफान के चलते इसका सम्पर्क प्रदेश से कट जाता है, क्योंकि उफनती गौला नदी जानलेवा साबित हो जाती है और नदी के दूसरे छोर पर पहुंचने का कोई अन्य विकल्प नहीं है। आखिर इस गांव के स्कूली बच्चे और बुजुर्ग अपनी जान जोखिम में डालकर आवाजाही करने को मजबूर है।
एक रस्सी पर चल रही ट्रॉली के जरिये उफनती गौला नदी को पार कर रहे स्कूली बच्चों की ये तस्वीरें नैनीताल के काठगोदाम की हैं। खतरा इस कदर कि थोड़ा सी चूक हुई नहीं और सब कुछ खत्म, लेकिन मजबूरी है पढ़ाई जो करनी है। दानिजाला गांव के बच्चे ट्रॉली के सहारे गौला नदी को पार कर हल्द्वानी में अपने अपने स्कूल पहुंचते हैं। पिछले कई सालों से ग्रामीणों की यह समस्या बरकरार है जिसके चलते उन्होंने गौला नदी पर इस जगह पुल बनाने की मांग भी शासन प्रशासन से की लेकिन नतीजा शून्य निकला। ग्रामीणों को पहले से ही इस बात का संशय था कि पुल के बनने में अड़चन आ सकती है लिहाजा उन्होंने नदी के आर पार रस्सी के सहारे ट्रॉली का सहारा लेना उचित समझा जिससे ग्रामीण अपने बच्चो को स्कूल लाते ले जाते हैं।
पढ़ाई के लिए अपने जिगर के टुकड़े की जान जोखिम में डालकर स्कूल भेजने को लेकर हर अभिभावक की साँसे अटकी रहती हैं। माता पिता अपने बच्चे को स्कूल लाने ले जाने के लिये सुबह और दिन में 1 घण्टा पहले छोड़ने ट्रॉली तक आते हैं। जब तक बच्चा ट्रॉली से आर पार नही हो जाता वे घर नही लौट सकते।
गौला नदी पर ट्रॉली के सहारे आवाजाही करते ग्रामीणों अपनी जान जोखिम में डालने को मजबूर हैं । प्रदेश में यह कोई पहला मामला नहीं है जब उफनती नदियों के बीच ग्रामीण पिछले कई सालों से ट्रॉली के भरोसे ज़िंदगी काटने को मजबूर हैं । उम्मीद की जानी चाहिए कि प्रशासन जल्द से जल्द ग्रामीणों की इस परेशानी को दूर करने का प्रयास करेगा ।