केरल में आई बाढ़ के बाद अब फैला महामारी का डर, स्वास्थ्य विभाग हुआ एक्टिव

खबरें अभी तक। 100 साल का रिकॉर्ड तोड़ चुकी मूसलाधार बारिश के बाद आई बाढ़ ने केरल के लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए तीनों सेनाएं युद्ध स्तर पर अपने अभियान में जुटी हुई हैं तो वहीं हर क्षेत्र से जुड़े लोगों की ओर से आर्थिक मदद दिए जाने का सिलसिला जारी है। वहीं केंद्र ने केरल की बाढ़ को गंभीर आपदा माना है।

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मौसम विभाग का कहना है कि अब वहां अगले 4 दिन तक भारी बारिश की कोई संभावना नहीं है। मुख्यमंत्री विजयन के अनुसार, राज्य में राहत और बचाव कार्य अब अपने अंतिम दौर में है। साथ ही उन्होंने कहा कि राहत कैंप तब तक बने रहेंगे जब तक पुर्नवास का काम समाप्त नहीं हो जाता है।

आपदा के बारे में केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने कहा कि 8 अगस्त से 20 अगस्त तक 223 लोगों की मौत हो चुकी है। आज 6 लोगों की मौत हुई है। केंद्र ने हरसंभव मदद करने की बात कही है, लेकिन आज की स्थिति यह है कि यहां सबसे जरूरी चीज मदद करनी है। मुख्यमंत्री के अनुसार, 10 लाख से ज्यादा लोग 3,274 राहत कैंपों में रह रहे हैं। आज 602 लोगों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से निकाला गया है।

केरल में आई विपदा पर सुप्रीम कोर्ट ने भी मदद करने का फैसला लिया है। देश की सबसे बड़ी अदालत के सभी 25 जजों ने बाढ़ पीड़ितों की मदद करने का फैसला लिया और वे अपनी सैलरी का 25-25 हजार रुपये केरल बाढ़ पीड़ितों को अनुदान करेंगे।

दूसरी ओर, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने केंद्र सरकार से मांग की कि केरल में आई भीषण बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए और केंद्र तथा राज्य को बाढ़ से पीड़ित राज्य की हरसंभव मदद की जाए।

उन्होंने कहा कि उनका राज्य केरल को 10 करोड़ की आर्थिक मदद के साथ-साथ 6 करोड़ की कीमत वाली 2,000 मीट्रिक टन चावल देने का प्रस्ताव भी दिया है। इसके अलावा राज्य के सभी सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों ने बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए एक दिन की सैलरी दान देने का फैसला लिया है। हालांकि गृह मंत्रालय के अनुसार, केरल में बाढ़ की स्थिति को प्राकृतिक आपदा घोषित किया है।

मुख्यमंत्री नायडू ने कहा कि उनकी पार्टी के सांसद और विधायक अपनी एक-एक महीने की सैलरी दान करेंगे। दूसरी ओर, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई पलानीस्वामी ने कहा कि उनकी एएआईएडीएमके (AIADMK) के सभी सांसद और विधायक भी अपनी एक-एक महीने की सैलरी पीड़ितों के लिए दान करेंगे। तमिलनाडु ने पिछले हफ्ते 5 करोड़ की आर्थिक मदद के साथ-साथ खाद्ध सामग्री के रूप में मदद करने का प्रस्ताव दिया है।

तेलंगाना ने 500 टन चावल केरल भेजने का ऐलान किया है। राज्य पहले ही बाढ़ प्रभावित केरल को 25 करोड़ देने का ऐलान कर चुका है।

राज्य सरकारों के अलावा कई बोर्ड और सरकारी संस्थाओं ने भी आर्थिक मदद करने का ऐलान किया। नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (NDDB) ने केरल को दुग्ध उत्पादों के जरिए मदद करने की बात कही है जिसकी कीमत 2 करोड़ रुपये है।

नेशनल क्राइसिस मैनेजमेंट कमिटी (NCMC) रोजाना वहां के हालात के बारे में बैठक कर रही है। NCMC के कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा ने बताया कि बारिश में कमी आई है और बाढ़ के स्तर में कमी आ रही है।

बाढ़ के कारण गायब लोगों की तलाश के लिए दूरसंचार विभाग ने एक हेल्पलाइन (1948) नंबर जारी किया है। साथ ही पूरे राज्यों में नेटवर्क की पर्याप्त व्यवस्था के लिए 77,000 टॉवर ऑपरेशनल किए गए हैं।

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय राज्य को 12,000 किलोलीटर कैरोसिन मुहैया करा रहा है। जानवरों के चारे के लिए केरल में 450 मिट्रिक टन चारा भेजा गया है। जानवरों के लिए भारी मात्रा में दवाइयां भेजी जा रही हैं।

रेलवे बाढ़ पीड़ितों की मदद को पानी और अन्य जरुरी राहत सामग्री भेजने के लिए मुफ्त में ट्रेनों को मुहैया करा रहा है। बाबा रामदेव ने भी 2 करोड़ की कीमत वाले राहत सामग्री भेजने का ऐलान किया है।

बाढ़ के कारण वहां पर महामारी फैलने की चिंता सताने लगी है। जलजनित बीमारियों कालरा, टॉयफायड, मलेरिया, हेपाटाइटिस और अन्य कई तरह के बुखार फैलने की संभावना बढ़ गई है। स्वास्थ्य विभाग ने हालात को देखते हुए पूरे राज्य में 3,757 मेडिकल कैंप स्थापित किए हैं और संक्रामक बीमारियों से बचने की जानकारी दी जा रही है।

केरल में बाढ़ की स्थिति पर रिव्यू कराने के बाद हवाई सेवा प्रदाता कंपनी इंडिगो ने कल मंगलवार से कोच्चि नेवल बेस पर उड़ान भरने का फैसला लिया है। इंडिगो राहत सामग्री पहुंचाने के लिए कोच्चि नेवल बेस से 21 अगस्त से 26 अगस्त तक रोजाना 3 अतिरिक्त हवाई उड़ान भरेगा। साथ ही इंडिगो 16 से 31 अगस्त के बीच बुक कराए गए टिकटों के रद्द करने या उसकी पुनर्व्यवस्था करेगा। इसके लिए उसने एक टीम बनाई है जो 24 घंटे उस पर निगरानी रखेगी।

वहीं उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री मोहसिन रजा ने बकरीद नहीं मनाने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि कुर्बानी की जगह करेंगे वह केरल बाढ़ पीड़ितों की मदद करेंगे। साथ ही उन्होंने अन्य मुसलमानों से भी बाढ़ पीड़ितों की मदद की अपील करते हुए कहा कि इस ईद-उल-अजहा पर बकरीद मनाने की बजाए केरल बाढ़ पीड़ितों की मदद करें।

केरल इस समय देश में बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य है। भीषण बाढ़ की चपेट में आए राज्य में 8 अगस्त से 15 अगस्त के बीच सामान्य बारिश की तुलना 250 गुना ज्यादा बारिश हुई है।