देश का सबसे हाईटेक एक्सप्रेस-वे का बारिश में हुआ बुरा हाल, केजीपी की मिट्टी दरकने से सड़कें धंसी

खबरें अभी तक। केजीपी पर 5764 करोड़ रुपये खर्च करके भले ही देश का सबसे हाईटेक एक्सप्रेस वे बताया जा रहा हो। लेकिन उस केजीपी की मिट्टी दरकने से सड़क धंसने लगी है। वहां ओवरलोड वाहनों को केजीपी पर एंट्री नहीं देकर साइड रोड से निकालने के लिए बनाई गई सड़क धंस गई है। उस सड़क के किनारों की मिट्टी लगातार दरक रही थी और इस कारण ही सड़क धंसी है, जिससे वहां हादसा हो सकता है। वहीं केएमपी की अभी सरूवात भी नहीं हुई है और जगह -जगह रोड में आई दरार और मिट्टी दरकने से सड़क धंसी हुई है। जिसके बाद लोगों का कहना हे की रोड बनाने में लापरवाई बरती गई है और सरकार को इसकी तरफ ध्यान देना की जरूरत है। नहीं तो इस पर बड़े हादसे हो सकते है। वहीं सोनीपत डीसी ने इस मामले में इंजीनयर से बात कर समाधान की बात कही है।

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दिल्ली से वाहनों का भार काम करने के साथ ही वाहन चालकों को जाम से मुक्ति दिलाने के लिए 5764 करोड़ रुपये से केजीपी ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस वे बनाया जरूर गया। लेकिन जिस तरह से अनियमित्ताएं सामने आ रही हैं। उससे लग रहा है कि एनएचएआई के अधिकारियों ने केजीपी को लेकर खूब लापरवाही बरती है। जहां पहली ही बारिश में पबसरा में टोल प्लाजा के पास केजीपी के बराबर से मिट्टी दरकनी शुरू हो गई थी। और उससे केजीपी की मुख्य सड़क में दरार आ गई थी। वहीं सिविल इंजीनियरिंग के छात्रों की मदद के लिए एनएचएआई की ओर से बनाई गई देश की पहली डिजीटल आर्ट गैलरी के अंदर भी दो फुट तक पानी भर गया था।

जिससे वह अभी तक ठीक नहीं हो सकी है। वहीं पिछले दिनों हुई बारिश के कारण केजीपी की मुख्य सड़क पर ओवरलोड वाहनों की एंट्री रोकने के लिए बनाई गई। साइड वाली सड़क की मिट्टी धीरे-धीरे दरक रही थी। सड़क के किनारे से ज्यादा मिट्टी दरकने के कारण सड़क धंसनी शुरू हो गई है और वहां लगभग पांच फुट लंबी सड़क धंस गई है। जिस तरह से सड़क धंसनी शुरू हुई है। उससे वहां हादसा होने का खतरा हो गया है। इस कारण ही कर्मियों ने फिलहाल उस सड़क पर वाहनों को जाने से रोक दिया है। जिसके बाद लोगों का कहना है कि रोड बनाने में लापरवाई बरती गई है। सरकार को इसकी तरफ ध्यान देना की जरूरत है नहीं तो इस पर बड़े हादसे हो सकते हैं।

पुरे मामले में पहले में एनएचएआई के अधिकारी कुछ बोलने के लिए तैयार है। डीसी सोनीपत विनय यादव ने कहा की अभी उनके सज्ञान में मामला आया है और ईजीनयर से बात कर समाधान की बात कही है और जो वहां की स्थिति को देखने के बाद ही कुछ कहने के बात कह रहे है।

वही पूरे मामले के बाद एक बात तो साफ़ है कि जिस तरह से केजीपी का उद्घाटन पीएम ने किया था और जल्द ही केएमपी की तैयारी की जा रही है और इस तरह से अधिकारी लापरवाह है कि उन्हें उस रोड के बारे में पता तक नहीं कि हालात कैसे हैं तो लापरवाही साफ सामने आ रही है। वहीं अब जल्द ही समाधान की बात कह रहे हैं। लेकिन अगर समय रहते देश के सबसे हाईटेक हाईवे की तरफ ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले समय में बड़ा हादसा जरूर हो सकता है। अब देखना यह होगा कि सरकार और अधिकारी कब जागते हैं।