हरियाणा का विधानसभा सत्र 7 सितम्बर से होगा शुरु

ख़बरें भी तक। भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के निधन पर 17 अगस्त से शुरू होने वाला विधानसभा सत्र सैद्धान्तिक रूप से उसे स्थगित किया गया था. अब ये सेशन 7 सितम्बर से 11 सितम्बर तक चलेगा. वहीं विपक्ष को कम समय देने के सवाल पर स्पीकर ने कहा कि सबको सदन में पूरा समय दिया जाता है. अगर विपक्ष के नेता प्रदेश के हित में कोई बात रखेंगे और हमने आज तक कभी इस प्रकार से किया नहीं सब को पूरा टाइम दिया. और इस बार भी पूरा टाइम देंगे जो भी प्रदेश हित की बात रखेंगे वहां निश्चित तौर से उनको टाइम देंगे. वह अपनी बात रखें सरकार उसका जवाब दें उसमें कोई भेदभाव नहीं होगा और विधानसभा के मानसून सत्र को लेकर सभी तैयारिया पूरी कर ली जा चुकी है. वहीं सदन को रोकने को स्पीकर ने गलत बताया.

विधानसभा स्पीकर कंवर पाल गुर्जर ने मानसून सत्र कब शुरू होगा उसकी जानकारी देते हुए कहा कि कल कैबिनेट की मीटिंग थी. सेशन का अभी फाइनल नहीं है कि कितने दिन सेशन चलेगा. लेकिन मेरा अनुमान है कि 7 से 11 सितम्बर तक चलेगा. अभी सरकार की तरफ से प्रस्ताव आना है. फिर उसकी सही जानकारी मिलेगी कि सरकार कितने दिन का प्रस्ताव भेजती है. उसके बाद भी ऐसी की मीटिंग होती है बी ए सी की मीटिंग में फाइनल होता है की सेशन कितने टाइम चलता है. लेकिन लगभग जो सरकार प्रस्ताव भेजती है उसके आस-पास ही होता है. जैसे ही सरकार हमारे पास प्रस्ताव भेजेगी हम उस सब की जानकारी दे देंगे और जो प्रोसेस है वह लगभग पहले पूरा हो ही चुका था मेंबरों के जो प्रश्न (क्वेश्चन) है वह आ ही रहे हैं और आगे भी आएंगे इस तरीके से टाइम बढ़ा है उसका फायदा उन विधायकों का होगा जो उस समय क्वेश्चन दे नहीं सके किसी वजह से रह गए वह अपने क्वेश्चन देंगे उससे थोड़ा और लाभ होगा कि और क्वेश्चन लग जाएंगे सारी प्रक्रिया उसी प्रकार से चालू है जो रूक गई थी लगभग फाइनल था कि कल 17 अगस्त को सेशन होगा अब वह प्रक्रिया 7 सितंबर से चलेगी.

आगे बात करते हुए विधानसभा स्पीकर ने बताया कि सेशन को लेकर सभी प्रकार को तैयारियां पहले ही कर ली गयी थी. जैसे अक्सर तैयारियां रही है. ये तो अचानक ऐसी घटना घट गई जिसकी वजह से हमे स्थगित करना पड़ा. वहीं विपक्ष को कम समय देने के सवाल पर स्पीकर ने कहा कि अगर हम सारे सेशन की बात करे तो जितना टाइम हमने सदन में सत्ता पक्ष को दिया है उतना ही विपक्ष को दिया है.जबकि विपक्ष की संख्या कम है सत्ता पक्ष की ज्यादा है लगभग हमने बराबर का समय दिया हो सकता है थोड़ा बहुत टाइम विपक्ष का ज्यादा भी हो सकता है. लगभग इतना टाइम हमने दिया है अगर आप पिछले 2 प्लान देखे 2004 से2009 और 2009 से 2014 का अगर उस टाइम को देखे लगभग हमने दुगना टाइम विपक्ष को दिया. वैसे ही जब विपक्ष के लोग आपके(मीडिया) के सामने होते है तब ऐसी बात कहते है. लेकिन जब हम आपस मे बैठते है तब उनकी इस प्रकार की कोई शिकायत होती नही.

स्पीकर ने कहा कि वही आपने पिछली बार देखा है. कि लोकदल में इस प्रकार से बायकॉट किया था और लोकदल लास्ट के दिन ही आया. लेकिन हमने उसके बावजूद भी इतना प्रयास किया कि कि हाउस तो 2 बजे समापन होना था लेकिन हालांकि हमने सीटिंग भी अगली नहीं बढ़ाई सीटिंग ना बढ़ाने के बावजूद भी हमने एक सीटिंग और ले ली जो सेशन 2:00 बजे खत्म होना था. वह हमने शाम के 6:00बजे तक चलाया. ताकि उनके सब नंबर बोल मेंबर और जितने मेंबर थे लोकदल के हमने सब को बुलवाया ताकि वह अपनी बात कह सकें. अगर वह प्रदेश के हित में कोई बातरखेंगे और हमने आज तक कभी इस प्रकार से किया नहीं सब को पूरा टाइम दिया और इस बार भी पूरा टाइम देंगे जो भी प्रदेश हित की बात रखेंगे वहां निश्चित तौर से उनको टाइम देंगे. वह अपनी बात रखें सरकार उसका जवाब दें उसमें कोई भेदभाव नहीं होगा.