गंगा और रामगंगा में जलस्तर बढ़ने से आसपास के चालीस गांव पानी में डूबे

खबरें अभी तक। फर्रुखाबाद में गंगा और रामगंगा चेतावनी बिंदु पार पहुंच गईं हैं। दोनों नदियों के जलस्तर में हुई वृद्धि से जिले भर के करीब चालीस गांवों में पानी भर गया है। अधिकारी भी लगातार गांवों का निरीक्षण कर ग्रामीणों से बातचीत कर हालात का जायजा ले रहे हैं। किसानों की खेत पानी में डूब गए है। अमृतपुर के कई गांव का सम्पर्क मार्ग रास्ता कट गया है। लोग नावों का सहारा ले रहे है। प्राथमिक और जूनियर स्कूल में गंगा और  रामगंगा की धार से बेघर ग्रामीणों को ठहराने को शरणालय बनाया गया है, लेकिन ग्रामीण शरणालय में रुक नहीं रहे हैं। बरसात के बाद निकली तेज धूप ने पीड़ितों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। लोगों को समय पर सहयता नहीं मिल पा रही है।

रामगंगा का जलस्तर 15 सेंटीमीटर बढ़कर चेतावनी बिंदु 136.80 मीटर पर पहुंच गया है। खोह हरेली रामनगर से रामगंगा में 9348 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। जिससे रामगंगा के जलस्तर में और वृद्धि होने की आशंका है। गंगा का जलस्तर 20 सेंटीमीटर बढ़कर चेतावनी बिंदु के करीब 136.70 मीटर पर पहुंच गया है। नरौरा बांध से गंगा में 162101 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। जिससे गंगा का जलस्तर और बढ़ने की आशंका बन गई है। रामगंगा के जलस्तर में वृद्धि होने से अहलादपुर भटौली गांव में कटान भले ही कम हो गया है, लेकिन कटान से भयभीत ग्रामीण अपने मकान तोड़ते रहे। बरसात के बाद बुधवार की निकली तेज धूप ने बेघर ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। तेज धूप में मकान तोड़ रहे ग्रामीण परेशान रहे। बेघर ग्रामीण झोपड़ियों में परिवार सहित गुजर कर रहे हैं। अहलादपुर के रामवीर मवेशियों की झोपड़ी में परिवार सहित गुजर कर रहे हैं।

अधिकारी बाढ़ प्रभावित गांवों का निरीक्षण करने पहुंचे, लेकिन जगतपुर गांव में पानी ज्यादा होने से वह अंदर नहीं जा सके। गांव के बाहर ही खड़े होकर ग्रामीणों से बातचीत कर वापस आ गए। इसके अलाव वह कंचनपुर व सबलपुर गांव पहुंचे। शमसाबाद क्षेत्र के समौचीपुर, सादव सराय, अजीजाबाद, कटरी तौफीक, परसादी की मडै़या, पहलानी, समेत करीब दस गांव बाढ़ की चपेट में हैं। यहां पर सादव सराय की मडै़या गांव में घरों में पानी घुस गया है। चितार गांव में यासीन, मुस्ताक, सुग्रीव, नईम आदि के लगभग ढाई-ढाई बीघा खेत गंगा के कटान में चले गए हैं।