प्रीणी गांव के लोगों ने नहीं खाया खाना, प्रीणी में अटल जी का था दूसरा घर

खबरें अभी तक। देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन की खबर सुनते ही हिमाचल के पूरे मनाली में शोक की लहर दौड़ गई. वाजपेयी का दूसरा घर मनाली के प्रीणी गांव से 50 से अधिक लोग अंत्येष्टि में भाग लेने के लिए दिल्ली के लिए रवाना हो गए. टीवी में निधन की खबर सुनते ही ग्रामीण भावुक हो गए और पूरा गांव शोक में डूब गया. गौरतलब है की मनाली के प्रीणी में वाजपेयी का दूसरा घर है. ग्रामीणों ने भावुक होते हुए बताया कि अटल जी ने स्कूल में याद के तौर पर एक पौधा लगाया था.

जून 2006 को अटल बिहारी वाजपेयी अंतिम बार प्रीणी आए थे… इस दौरान वाजपेयी ने 5 जून 2006 को प्रीणी स्कूल परिसर में देवदार का एक पौधा लगाया. इस दौरान उन्होंने पूछा था कि पौधा तो लगा दिया, लेकिन इसकी देखभाल कौन करेगा. तब ग्रामीणों ने कहा कि हम इस पौधे की देखभाल करेंगे. यह पौधा आज भी प्रीणी स्कूल के मैदान में है और अब ग्रामीण ही उनकी इस निशानी की ताउम्र देखभाल करेंगे…

वही, इससे पहले ग्रामीण गुरुवार को सुबह से ही मन्दिरों में उनके स्वास्थ्य की कामना को लेकर भूखे प्यासे बैठे थे और शाम को भी उनके घरों में चूल्हा नही जल पाया. ग्रामीणों ने बताया कि अब वो भी संस्कार की सभी रस्मो के पूरा होने तक गांव में 1 समय ही भोजन ग्रहण करेंगे और अटल जी के द्वारा दिखाए गए रास्तो का ही पालन करेंगे.