खबरें अभी तक। लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने मानो केरल को आसमान से जमीन पर ला फैंका है। केरल के कई क्षेत्रों में हो रही लगातार मूसलाधार बारिश की वजह से बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो गई है। कोच्चि हवाई अड्डे पर शनिवार तक विमानों की आवाजाही पर विराम लग गया। इस बीच, आज राज्य में 25 और लोगों के मरने होने के साथ बारिश और बाढ़ में मरने वालों की संख्या लागातार बढ़ती ही रही है। जानकारी के मुताबिक केरल में अब तक 67 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। कुछ रिपोर्ट्स में मौतों का ये आंकड़ा 70 से 75 तक बताया जा रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि राज्य में बाढ़ का खतरा बना हुआ है। इस वजह से सभी 14 जिलों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। उत्तर में कासरगोड से लेकर दक्षिण में तिरूवनंतपुरम तक सभी नदियां उफान पर हैं। मुल्लापेरियार समेत 35 बांधों के फाटक खोल दिए गए हैं। खतरे की आशंका के मद्देनजर गुरुवार को केरल के सभी स्कूलों को बंद रखने का ऐलान किया गया है।
केरल में बाढ़ से 2000 से ज्यादा घरों को नुकसान पहुंचा है। राज्य में लोगों के लिए 718 राहत कैंप बनाए गए हैं। हजारों लोग शरणार्थी शिविरों में हैं। राहत एवं बचाव कार्यों के लिए एनडीआरएफ की चार टीमें पुणे से केरल भेजी गई हैं।
मुख्यमंत्री पिनारयी विजयन ने कहा कि भारी वर्षा अभी कुछ और दिन जारी रहेगी। स्थिति के बिगड़ने की आशंका बनी हुई है। पूरे राज्य में डेढ़ लाख से ज्यादा लोग राहत शिविरों में रखे गए हैं। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री राजनाथ सिंह से राज्य में बाढ़ के हालात को लेकर चर्चा की है। प्रधानमंत्री ने सभी तरह की सहायता का आश्वासन दिया है।