PM मोदी की “इंडिपेंडेंस डे स्पीच” में मुद्दों की मांग पर जनता ने लिखी अपने अपने मन की बात

खबरें अभी तक। स्वतंत्रता दिवस से पहले पीएम मोदी ने आमजन से मुद्दों की मांग की है। जिसे वह अपने इंडिपेंडेंस डे स्पीच में शामिल कर सकें। जानें बीते दो हफ्तों के दौरान संवाद के अलग-अलग माध्यमों से किस तरह आम जनता ने इस स्पीच के लिए अपने-अपने मन की बात पीएम को लिख कर भेजी है।

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हर साल की तरह पीएम मोदी ने इस साल फिर देशभर से लोगों से अपील की है कि वह ऐसे मुद्दे सुझाएं जिसे वह अपनी इंडिपेंडेंस डे स्पीच में शामिल कर सकें। प्रधानमंत्री मोदी ने 31 जुलाई को ट्वीट के जरिए लोगों से मुद्दों की  मांग करते हुए केन्द्र सरकार की वेबसाइट पर लोगों से मुद्दे रखने के लिए अपील की है। बीते 2 हफ्तों के दौरान केन्द्र सरकार की वेबसाइट माई गॉव डॉट इन पर लगभग 9 हजार लोगों ने प्रधानमंत्री को मुद्दे सुझाए हैं। जिनमें से कुछ अहम मुद्दे हैं।’

युवाओं को योग से जोड़ते हुए देशभक्ति की भावना को बढ़ाने का आह्वान कर सकते हैं पीएम मोदी। लाल किले की स्पीच के लिए एक शख्स ने पीएम मोदी को लिखा है कि वह लाल किले से भटक रहे युवाओं को सही दिशा लाने की अपील करें।

एक संदेश में पीएम से कहा गया है कि वह सरकारी खर्च पर आईआईटी से पढ़ने वाले ऐसे लोगों के लिए कुछ कहें जो पढ़ने के बाद देश से पलायन कर रहे हैं। ऐसे लोगों को रोकने के लिए सरकार को कुछ ठोस कदम उठाने की जरूरत है।

एक शख्स ने पीएम को लिखा है कि वह बताएं कि देश में कैसे ज्यादा से ज्यादा रोजगार के संसाधन पैदा किए जा सकते हैं वहीं यह भी जानना चाहा है कि देश में सातवां वेतन आयोग लागू करने का फायदा किसे पहुंचा है।

एक अन्य शख्स ने पीएम को लिखा है कि देश की बढ़ती आबादी के कारण उपलब्ध संसाधनों का दोहन हो रहा है। देश के भूभाग की अपनी सीमाएं हैं। हर तरफ भीड़ और कृषियोग्य भूमि का सिकुड़ते जाना चिंता का विषय है।

पीएम मोदी को एक शख्स ने लिखा है कि उन्हें देश से जातिगत आधार पर आरक्षण व्यवस्था के विकल्प की ओर सोचने की जरूरत है।