आजादी के 72 वी वर्ष गांठ पर पर्व ए आजादी का आगाज कवी सम्मेलन से किया

खबरें अभी तक। जिला प्रशासन द्वारा आजादी के 72 वी वर्षगांठ पर्व  ए आजादी का आगाज बुधवार को कवि सम्मेलन से किया गया झज्जर बाग़ जवहारा  स्टेडियम के इनडोर  हाल में शाम 7:00 बजे से शुरू है. इस कवि सम्मेलन में देश व हरियाणा के ख्यात कवियों ने आजादी से लेकर देश के मौजूदा हालातों को अपनी कविता में पिरोकर श्रोताओं तक पहुंचाया।

इससे पहले कवि सम्मेलन की अध्यक्षता कर रही डीसी सोनल गोयल ने सभी अतिथियों का जोरदार स्वागत कर 7 दिनों तक किए जाने वाले कार्यक्रम की जानकारी दी झज्जर के कवी मास्टर महेंद्र ने अपनी व्यंग्यात्मक शैली से लोगों के चेहरे पर हंसी बिखेरी और रात के समय लोगो ने खूब आनद लिया कवी सम्मेलन का -लेकिन बिहार के मुजफ्फरनगर की घटनाओं को याद करते हुए।

मास्टर महेंद्र गंभीर होकर बोले कि रक्षक ही भक्षक बन गए हो तो संभाला नहीं दरिंदे पहले आ गए इसी विषय को आगे बढ़ाते हुए सुदीप भोला ने कहा कि पांडवों के घर एक भी बेटी होती तो कुल वधू का चीरहरण नहीं होता देश की आजादी के खातिर जान देने वालों को नमन करते हुए सुदीप भोला बोले कि  जिन्होंने हंस कर दे दी जान, बढ़ाई भारत मां की शान तिरंगे का रख रखा सम्मान बता दें मेरे हिंदुस्तान,उन्हें  हम  क्या दे पाए पदमिनी शर्मा ने अपना अंदाज बयान पेश किया।

गलों से खुशबू कुछ रंग तितलियों से चुराए हैं तुम्हारे शहर में हम आज पहली बार आए हैं क्या चांद तुझको देखकर संवारता नहीं भूल भी क्या मुझसे मैं थकता नहीं रंगरेज बनकर तूने अपने रंग में रंग लिया कोई भी रंग दिया मुझ पर चढ़ता  नहीं इस बीच अंजू जैन ने भी अपने मुद्दों के जरिए सामाजिक दायित्व निभाने की सिख लोगों को दी मंच संचालन कर रहे प्रसिद्ध कवि दिनेश रघुवंशी ने कवि सम्मेलन का समापन करते हुए देश की आजादी में शहीद शहीदों के लिए झूठा प्यार दिखाने वालों पर निशाना साधते हुए कहा कि बड़े लोगों की औलाद कैंडल मार्च करती है जो अपने प्राण देते हैं वह बेटे किसान के हैं

आगाज ए आजादी के पूर्व में मुख्य अतिथि कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने इस कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कहा कि हर हाल में  कवियों की बड़ी भूमिका रही है रामायण की शुरुआत भी कविता से हुई है कवियों ने आजादी के परवानों की गाथा लिखी जिन्हें हम बचपन से सुनते आ रहे हैं और साथ ही 15 अगस्त की शुभकामनाएं भी लोगों को भी दी