आज है सावन की शिवरात्र‍ि, आइए बताते हैं आपको सावन की शिवरात्रि का महत्‍व

खबरें अभी तक। आज सावन की शिवरात्र‍ि है। यह हर साल साल सावन महीने में मनाई जाती है. हिन्‍दू कैलेंडर के अनुसार सावन साल का पांचवां महीना होता है। हिन्‍दू धर्म में सावन के महीने और सावन की शिवरात्र‍ि का विशेष महत्‍व है. शिव भक्‍त साल भर इस शिवरात्रि का इंतजार करते हैं. अपने आराध्‍य भगवान शिव शंकर को प्रसन्‍न करने के लिए भक्‍त कांवड़ यात्रा पर जाते हैं. इस यात्रा के दौरान शिव भक्‍त गंगा नदी का पवित्र जल अपने कंधों पर लाकर सावन शिवरात्रि के दिन भगवान शिव के प्रतीक शिवलिंग पर चढ़ाते हैं. इस बार 9 अगस्‍त को सावन की शिवरात्रि मनाई जाएगी.

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सावन शिवरात्रि का महत्‍व 

साल में 12 या 13 शिवरात्रियां होती हैं. हर महीने एक शिवरात्र‍ि पड़ती है, जो कि पूर्णिमा से एक दिन पहले त्रयोदशी को होती है. लेकिन इन सभी शिवरात्रियों में दो सबसे महत्‍वपूर्ण हैं- पहली है फाल्‍गुन या फागुन महीने में पड़ने वाली महाशिवरात्र‍ि और दूसरी है सावन शिवरात्र‍ि. हिन्‍दू धर्म को मानने वाले लोगों की शिवरात्र‍ि में गहरी आस्‍था है. यह त्‍योहार भोले नाथ शिव शंकर को समर्पित है. मान्‍यता है कि सावन की शिवरात्रि में रात के समय भगवान शिव की पूजा करने से भक्‍तों के सभी दुख दूर होते हैं और उन्‍हें मोक्ष की प्राप्‍ति होती है. धार्मिक मान्‍यताओं के अनुसार जो भी शिवरात्रि पर सच्‍चे मन से भोले भंडारी की आराधना करता है  उसे अपने जीवन में सफलता, धन-संपदा और खुशहाली मिलती है. यही नहीं बुरी बलाएं भी उससे कोसों दूर रहती हैं.

क्‍यों मनाई जाती है सावन शिवरात्र‍ि?  

महादेव शंकर को सभी देवताओं में सबसे सरल माना जाता है और उन्‍हें मनाने में ज्‍यादा जतन नहीं करने पड़ते. भगवान सिर्फ सच्‍ची भक्ति से ही प्रसन्‍न हो जाते हैं. यही वजह है कि भक्‍त उन्‍हें प्‍यार से भोले नाथ बुलाते हैं. सावन के महीने में कांवड़ यात्रा का विशेष महत्‍व है जिसका सीधा संबंध सावन की शिवरात्रि से है. सावन की शिवरात्र‍ि मनाने के संबंध में कई कथाएं प्रचलित हैं. हालांकि सबसे प्रचलित मान्‍यता के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान निकले विष को भगवान शिव घटाघट पी गए. इसके परिणामस्‍वरूम वह नकारात्मक ऊर्जा से पीड़ित हो गए. त्रेता युग में रावण ने शिव का ध्यान किया और वह कांवड़ का इस्‍तेमाल कर गंगा के पवित्र जल को लेकर आया. गंगाजल को उसने भगवान शिव पर अर्पित किया.  इस तरह उनकी नकारात्‍मक ऊर्जा दूर हो गई.