ऋषिकेश: बरसात का मौसम ग्रामीणों के लिए बना आफत

ख़बरें अभी तक। ऋषिकेश से सटे गोहरी माफी गांव में हर वर्ष आने वाला बरसात का मौसम ग्रामीणों के लिए किसी आफत से कम नहीं होता, यहां बरसात के पानी हर वर्ष ग्रामीणों पर अपना कहर ढाया है लेकिन हर बर नेताओं के वादे औरा प्रशासन के दावे सब बाढ़ में फेल हो जाते है. ऋषिकेश तहसील में पड़ने वाला गौहरीमाफी गांव, जहां हर वर्ष सौंग व गंगा नदी बाढ़ से कोहराम मचाती है, इस वर्ष भी पूरा गांव पानी पानी हो चुका है, गांव के 400 परिवार पिछले 3 दिनों से बाढ़ के कारण गांव में ही कैद है, बच्चे स्कूल नही जा पा रहे है, घरों में पानी भरने से घरों का पूरा सामान खराब हो चुका है, गांव की कई हे0 भूमि सौग व गंगा नदी ने काटकर खत्म कर दी है, लेकिन ऐसा नही कि कभी इस गांव को बाढ़ से बचाने के लिए कोई योजना न बनी हो, बाढ़ की सुरक्षा को लेकर वर्ष 2013 में 5 करोड़ 76 लाख रूपये का बजट स्वीकृत हुए, एक एनजीओ द्वारा राजाजी पार्क सीमा अंतर्गत होने की शिकायत पर एनजीटी की रोक के बाद ये पैसा रूक गया.

लेकिन अब एनजीटी से अनुमति के बाद ये पैसा कहां गया किसी को नहीं पता, हर वर्ष ग्रामीणों को दोबारा बाढ़ सुरक्षा के लिए ये पैसा आवंटन का वादा किया जाता है लेकिन हर वर्ष बरसात के मौसम में गौहरीमाफी गांव में बाढ़ आने से भारी नुकसान होता है, बरसात में बाढ़ के समय नेता और प्रशासनिक अमला गौहरीमाफी गांव में आते है और जल्द ही बाढ़ सुरक्षा के काम शूरू करने के आश्वासन ग्रामीणों को देते हैं लेकिन बरसात के बाद गौहरीमाफी गांव को बुला दिया जाता है, यही कारण है कि बरसात शुरू होते ही गोहरी माफी के ग्रामीण खौफ में आ जाते हैं क्योंकि बरसात उनके लिए कहर लेकर आती है और इनके दिलों में खौफ पैदा करती है गौहरी माफी गांव नदियों से घिरा है एक तरफ सौंग नदी बह रही है तो दूसरी ओर गंगा और सुसवा नदी, बरसात में जब इनका जलस्तर बढ़ता है तो इन नदियों का पानी गांव में घुसता है जिससे इनकी जमीन पूरी पानी पानी हो जाती है देर रात भी बारिश ने इस गांव में पूरा तांडव मचाया रात में इस गांव में पूरा मच जाता है.

हर वर्ष बरसात के मौसम में बाढ़ की मार झेलने वाले ऋषिकेश के गौहरीमाफी गांव में इस बार भी बाढ़ से ग्रामीण त्राही-त्राही कर रहे है, गौहरीमाफी में गंगा व सौंग नदी के किनारे बने तटबन्द बीते 3 वर्षो से टूटे होने के कारण बरसात के मौसम में हर वर्ष बाढ के कारण खेतो का कटाव होता है, लोगों के घरों में पानी घुस जाता है, जिससे ग्रामीणों का जीवन प्रभावित होने के साथ ही भारी नुकसान भी उठाना पड़ता है, बरसात में यहां सौंग नदी और दूसरे छोर में बहने वाली गंगा नदी गांव के लिए अभिशाप बन जाती है गौहरीमाफी गांव के साथ ही आपसपास के गांवो में बाढ़ हमेशा कोहमराम मचाती है, इस बार भी गौहरी माफी में बाढ़ सुरक्षा के लिए प्रशासन द्वारा किए गये अस्थाई कार्य ऊठ के मुंह में जीरा जैसा साबित हुए, हर वर्ष नेता अधिकारी बाढ़ के समय गौहरीमाफी का दौरा करते है और ग्रामीणों को बाढ़ सुरक्षा को लेकर आश्वासन देते हैं, अब आपको पूरे मामले में ऋषिकेश से विघायक व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल का वो दावा हम आपको सुनाते है, जो कि बाढ़ से पहले प्रशासन की तैयारियों को लेकर उन्होने ये दिया था अपना आश्वासन.

भले ही प्राकृतिक आपदाओं को रोका नही जा सकता, लेकिन पूर्वनियोजित तैयारियों से नुकसान कम जरूर किया जा सकता है, लेकिन नेता और प्रशासन जिस तरह से झुठे वादे बीते 3 सालों से गौहरीमाफी के लोगों से कर रहे है उसी का परिणाम है कि हर साल ग्रामीण बाढ़ का प्रकोप झेल रहे है, उम्मीद करते है कि शासन-प्रशासन जल्द ही मुस्तैदी से लोगों को बाढ़ की आफत से बाहर निकालेगा और अगले वर्ष बरसात से पहले बाढ़ सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करेगा.