हमीरपुर में भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के आरोप में केस दर्ज

ख़बरें अभी तक। हमीरपुर: आरटीआई मे खुलासा होने के बाद नगर परिषद हमीरपुर के अधिकारियों पर पुलिस थाना हमीरपुर में भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के आरोप में केस दर्ज हो गया है. हमीरपुर न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने भ्रष्टाचार उन्मूलन अधिनियम 13 (2) और भादंसं की धारा 420, 467, 120 बी और 34 के तहत केस दर्ज किया है. नगर परिषद हमीरपुर के खिलाफ पुलिस में यह तीसरा मामला है. इससे पूर्व जिला प्रशासन हमीरपुर ने दो मुकदमे दर्ज करवाए है. लगातार धोखाधड़ी के आरोप में तीन मुकदमे दर्ज होने के बाद नगर परिषद हमीरपुर के अधिकारियों व पूर्व अधिकारियों की मुश्किल बढ़ गई है.

शिकायतकर्ता वासुदेव नंदन के अधिवक्ता विवेक शर्मा ने बताया कि वार्ड नंबर 10 में वर्ष 2007-08 में सामुदायिक भवन का निर्माण नगर परिषद द्वारा करवाया गया था. इस भवन के निर्माण कार्य के बाद मापन पुस्तक (एमबी) में कई प्रविष्टियां या दर्ज ही नहीं की गईं या गलत दर्ज की गईं. इस बारे में शिकायतकर्ता द्वारा नगर परिषद के संबंधित अधिकारियों को कई बार लिखित व मौखिक रूप से अवगत करवाया. लेकिन हर बार उन्हें मामले का शीघ्र निपटारा करने का आश्वासन दिया जाता रहा. काफी समय तक जब कोई कार्रवाई नगर परिषद के अधिकारियों द्वारा अमल में नहीं लाई गई, तो संबंधित मामले की शिकायत निदेशक शहरी विकास विभाग शिमला से की गई. उधर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हमीरपुर बलवीर सिंह ने कहा कि न्यायालय के आदेश पर नगर परिषद हमीरपुर के अधिकारियों व पूर्व में रहे अधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी व भ्रष्टाचार के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है.

बता दें कि निदेशक द्वारा संबंधित मामले की रिपोर्ट तलब किए जाने पर नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी द्वारा गलत रिपोर्ट दी जाती रही. जिसके चलते मामले का निपटारा न हो सका. इसके उपरांत संबंधित मामले की शिकायत पुलिस विभाग में की गई, लेकिन पुलिस द्वारा भी जब कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई, तो संबंधित मामले में कार्रवाई करने के लिए शिकायतकर्ता ने न्यायालय की शरण ली व न्यायालय में आरोपियों के विरुद्ध मामला दर्ज करने के लिए आवेदन किया. जिस पर मुख्य दंडाधिकारी हमीरपुर ने नप के अधिकारी व पूर्व कार्यकारी अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के आरोप में विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया है.