नूंह के गांव सेसौला में बाल गृह में मिला एक तहखाना

ख़बरें अभी तक। नूंह के गांव सेसौला में एक एनजीओ की ओर से संचालित बाल गृह में काफी अनियमितताएं सामने आई हैं. फाइव स्टार की तर्ज पर बने इस बाल गृह में एक तहखाना मिला है, जिसमें कंट्रोल रूम की तर्ज पर कंप्यूटर रखे हुए हैं. एक ऑफिस से इस तहखाने में जाने का रास्ता है, जो ढक्कन से बंद है. लिफ्ट भी है इसके अलावा यहां एक ही धर्म विशेष के 38 बच्चे हैं, जिनसे अभिभावकों को छह महीने तक मिलने की अनुमति तक नहीं है. उनसे लिखवा कर लिया जाता है कि बच्चे किसी दुर्घटना के शिकार हो गए तो उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं है. यह खुलासा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से मारे गए छापे में हुआ है.

आयोग की चेयरपर्सन ज्योति बैंदा ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपते हुए पूरे मामले की जांच की सिफारिश की है, मिली जानकारी के अनुसार यह बाल गृह ऐसी जगह बनाया गया है, जहां दो-तीन किलोमीटर तक कच्चा उबड़-खाबड़ रास्ता है. बच्चों को रखने के नियम को पूरी तरह दरकिनार किया गया है. बाल गृह में बच्चे सीडब्ल्यूसी की ओर से भेजे जाते हैं, लेकिन यहां बच्चे कैसे आ रहे हैं, कोई जानकारी नहीं है. आयोग की रिपोर्ट के अनुसार यह एनजीओ ऑर्फन इन नीड की ओर से संचालित किया जा रहा है, जिसको फंडिंग भी विदेश से हो रही है. सरकार से एक पैसा नहीं मिला है. यहां पर दस-दस बच्चों के हिसाब से विला बने हुए हैं.