खबरे अभी तक । सुप्रीमकोर्ट के तालाबों के संरक्षण के आदेश के बाद भी हरदोई में तालाबों का संरक्षण होता नजर नहीं आ रहा है। जहां एक ओर हरदोई में भारी बरसात के चलते चारों तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है। वहीं शहर में स्थित तालाब सूखे नजर आ रहे हैं। इसका मुख्य कारण है संबंधित जिम्मेदारों की लापरवाही व अतिक्रमणकारियों द्वारा फैलाया गया अतिक्रमण।
जी हां इसी कारण शहर की सड़कों व गली मोहल्लों में पानी भर जाता है, लेकिन शहर के बरसाती पानी का निकास मौजूदा तालाबों में न होने के कारण तालाब तो सूखे रहते हैं। पर गली मोहल्ले जलमग्न हो जाते हैं। फलस्वरूप नागरिकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वहीं जल भराव के कारण शहर में संक्रामक बीमारियों के फैलने का भी खतरा बना हुआ है। परंतु जिम्मेदार हैं कि इस ओर कोई ध्यान न देकर सिर्फ कागजी खानापूर्ति में ही लगे रहते हैं।
भले ही सुप्रीमकोर्ट कोर्ट ने तालाबों के संरक्षण के लिए सख्त निर्देश दे रखे हों पर शहरों में तालाबों का अस्तित्व ही समाप्त हो चुका है, तमाम तालाबों को पाटकर अवैध आवासीय कालोनी बनायीं जा चुकी हैं और जो तालाब बचे हैं वह सरकार व प्रशासन की अनदेखी के चलते अपनी अंतिम सांसे ले रहे हैं।
ताजा तस्वीरें हरदोई शहर के उन तालाबों की हैं जो इस भारी बरसात के बावजूद पानी को तरस रहे हैं, शहर की पाश कालोनी आवास-विकास में तालाब सूखा नजर आ रहा है और तालाब में मोहल्ले वाले अपना कूड़ा करकट व अन्य सामान इकट्ठा करते हैं, कालोनी की नालियों को तालाब में जोड़ा ही नहीं गया है, इस कारण बरसात न होने पर भी पानी सड़कों पर भरता है, यदि जिम्मेदार नालियों का बहाव तालाब में खोल दें तो तालाब पानी से लबालब हो सकता है व घटते जलस्तर से होने वाली परेशानियों से भी निजात मिल सकती है।
यह दूसरा नजारा शहर के मोहल्ला सैयापुरवा का है, जहां एक पौराणिक तालाब को चारों तरफ से अतिक्रमणकारियों ने घेर रखा है व बरसात का पानी सड़कों पर भरा नजर आ रहा है, इस बरसाती पानी के भराव के चलते सड़कों में एक-एक फिट के गड्ढे हो चुके हैं और नागरिक आए दिन गड्ढे में गिरकर चोटिल होते हैं, आप स्वयं देख सकते हैं कि किस तरह अतिक्रमणकारियों ने तालाब के चारों ओर पक्के निर्माण कर तालाब को किसी जेल के बंदी की तरह कैद कर रखा है व तालाब अपनी अंतिम सांसे ले रहा है।
आवास विकास कालोनी में सूखे पड़े तालाब के बारे में रोष जाहिर करते हुए स्थानीय निवासी व अधिवक्ता गणपति विक्रम सिंह ने बताया कि यदि कालोनी की नालियों को तालाब में जोड़ दिया जाये तो जलभराव भी नहीं होगा व तालाब में पानी भरने से जलस्तर भी संतुलित हो सकेगा। इस संबंध में कई बार नगर पालिका प्रशासन से शिकायत व सुझाव सुनने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
मोहल्ला सैयापुरवा में स्थित पौराणिक तालाब पर अतिक्रमण के बारे में समाजसेवी मनोज सिंह ने बताया कि कुछ दबंग लोगों ने प्रशासन के सहयोग से तालाबों पर कब्ज़ा कर रखा है इस कारण सड़कों व मोहल्लों में जल निकासी न हो पाने के कारण सड़कों पर बड़े बड़े गड्ढे हो गए है। आये दिन बच्चे गिर कर चोटिल होते है व इस जल भराव के कारण संक्रामक रोगों के फैलने का खतरा बना हुआ है। प्रशासन से कई बार शिकायत करने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
इस संबंध में जब नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी गोवा लाल से वक्तव्य देने की बात की गयी तो वह कैमरे के सामने आने से बचते नजर आये व कहा कि मुझे वक्तव्य देने के लिए अधिकारिक तौर पर जिलाधिकारी ने मना कर रखा है।