नूहं में स्वास्थ्य सेवाओं की सच्चाई, धूल फांक रही अल्ट्रासाउंड मशीन

ख़बरें अभी तक। नूंह में सरकारी अस्पताल में इलाज कराने के लिए आने वाले लोगों को डॉक्टरों के नहीं मिलने, दवाइयां पर्याप्त मात्रा में नहीं मिलने के कारण भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. सबसे ज्यादा दिक्कत महिलाओं को उठानी पड़ती है. अल्ट्रासाउंड की मशीन, डॉक्टर का पद रिक्त होने की वजह से पिछले छह माह से धूल फांक रही है. गर्भवती महिलाओं का अल्ट्रासाउंड स्वास्थ्य विभाग अपने खर्चे पर निजी अस्पताल से करवाने को मजबूर है. कुछ लोग अज्ञानता-अनपढ़ता के चक्कर में निजी संस्थानों से अल्ट्रासाउंड -एक्सरे करा कर डॉक्टरों के पास चले जाते हैं. लड़ाई – झगड़े के केसों में बाहर से कराया गया अल्ट्रासाउंड-एक्सरे मान्य नहीं है.

कई बार अल्ट्रासाउंड विशेषज्ञ डॉक्टर के लिए विज्ञापन भी निकाला गया ,लेकिन अभी तक किसी की नियुक्ति नहीं हो पाई. दूसरा नूंह सीएचसी में एक्सरे करने वाले विशेषज्ञ इन दिनों हज यात्रा पर गए हुए हैं. अगले करीब 20 दिन अभी मरीजों को परेशानी से दो – चार होना पड़ सकता है. बात अगर नल्हड मेडिकल कॉलेज की करें तो वहां भी अकसर एक्सरे मशीन खराब रहती है. लोगों को मजबूरन इधर से उधर भागना पड़ता है. एसएमओ डॉक्टर गोविंद शरण भी अल्ट्रासाउंड विशेषज्ञ की कमी और एक्सरे चलाने वाले डॉक्टर के हज यात्रा पर जाने की बात को स्वीकार कर रहे हैं ,लेकिन डॉक्टर और स्टाफ की अस्पताल में कोई कमी नहीं है.