करोड़ों का सफाई ठेका, फिर भी बदहाल गुरुग्राम

ख़बरें अभी तक। गुरुग्राम में जगह-जगह कचरे के ढेर लगे हुए है और कूड़ा सड़ने की बदबू से लोगों के भी बुरा हाल है, शहर की सफाई का जिम्मा जिस एजेंसी को दिया गया है वो महज कागजो तक सीमित है. ऐसे में आखिर गुरुग्राम को स्वच्छ कैसे रखा जाए. आखिर नगर निगम इस पर क्यों चुप्पी साधे बैठा है. फिलहाल कई सारे सवाल है जो शहर की स्वच्छता की पोल खोल रहे है, यह तस्वीरें जो आप देख रहे हैं यह देश विदेश में फेमस साइबर सिटी की है.

कहने को नगर निगम ने शहर की सफाई के लिए करोड़ों रुपए में एक कंपनी को ठेका दिया है लेकिन कंपनी का जो मैं काम कर रही है यही कारण है कि डोर टू डोर कूड़ा उठाने वाली गाड़ियां जा गौरव में नहीं पहुंच रही है वही शहर में जगह जगह गंदगी के ढेर लगे हैं यही हाल रहा तो शहर बद से और बदसूरत हो जाएगा. साइबर सिटी गुरुग्राम में स्वच्छता को लेकर प्रशासन के सभी वादे हवा होते दिख रहे है. जगह-जगह लगे कूड़े के ढेर सफाई व्यवस्था की पोल खोल रहे है, जहां देखो वहा कचरे के ढेर है.

वहीं कचरे के सड़ने के बाद जो बदबू आती है उससे भी लोगों को काफी परेशानी हो रही है. नगर निगम ऑफिस के नजदीक एक बड़ा कचरे का ढेर लगा हुआ है और पास ही मंदिर है, ऐसे में मंदिर आने वाले भक्तों को गंदी बदबू से होकर निकलना पड़ता है, मुहं को ढके बिना आप यहां से निकल ही नहीं सकते है, इसको लेकर मंदिर कमेटी को और से कई बार शिकायत भी की गई है, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ है.  सड़कों पर लगे कचरे के ढेरों से वाहन चालकों को भी काफी परेशानी हो रही है, ऐसे में पैदल चलने वाले लोगों को काफी दिक्कत होती है. सबसे बड़ी बात साइबर सिटी में जिस इको ग्रीन एजेंसी को सफाई का जिम्मा सौंपा गया है, वो अक्सर सवालों के घेरे में नजर आती है, इसको लेकर निगम मीटिंग कई बार सवाल उठ चुके है, खुद पार्षद भी एजेंसी के काम से संतुष्ट नहीं है.

फिलहाल शहर में सफाई के हालात काफी खराब है और बारिश का मौसम भी चल रहा है. ऐसे में लोगों को बीमारियों के फैलने की चिंता भी सता रही है, प्रशासन को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है, निगम और एजेंसी की मिलीभगत के चलते जहां निगम का खजाना खाली हो रहा है वहीं शहर बदसूरत है.