मानसून सत्र की तैयारी पूरी, 17 अगस्त से 21 अगस्त तक चलेगा सत्र

खबरें अभी तक। विपक्ष के हंगामे के साथ मानसून सत्र के शुरू होने के आसार को लेकर विधानसभा में पूरी तैयारियां कर ली गई है ।हरियाणा विधानसभा स्पीकर ने बताया कि 17 से 22 अगस्त तक यह मानसून सत्र चलेगा ।और हर मेम्बर को अपनी बात कहने के लिए समय दिया जाएगा।वही विपक्ष के सदन में  काम रोको प्रस्ताव सदन न चलने देने की बात पर विधानसभा स्पीकर ने कहा कि सदन का काम रोकना कोई अच्छी बात नहीं है अगर उनके पास कोई विषय वो सदन में रखे उन्हें बोलने का पूरा मौका दिया जाएगा।छात्र संघ चुनावो पर बात करते हुए स्पीकर ने कहा को बिना किसी हिंसा के चुनाव हो और राजनितिक पार्टियों को इसमे हस्तक्षेप नही करना चाहिए।

मानसून सत्र के हंगामेदार होने के आसार है। हरियाणा विधानसभा स्पीकर से मानसून सत्र को लेकर बात की गई तो उन्होंने बताया कि 17 अगस्त से विधानसभा का सेशन शुरू होने जा रहा है 22 अगस्त तक यह चलेगा अभी अनुमान है केवल वैसे तो वैसे तो जब सेशन  चलता है उससे पहले एडवाइजरी की बैठक होती है उसे ही पता चलता है सारा का सारा फाइनल उसमें होता है जो सरकार की तरफ से प्रस्ताव आया अभी तक 17 से 22 तक चलेगा ।बिजनेस तो सरकार ने फाइनल करना होता है कि क्या-क्या पास करवाना है ।

दूसरा विपक्ष ने फाइनल करना है किस समय में अपनी बात कहना चाहता है जैसा की अभी लोकदल ने कहा कि हम काम रोको प्रस्ताव लेकर आएंगे काल टेंशन मोशन लेकर आएंगे जिस जिस विषय पर बात करना चाहते हैं। उनका विषय होता है ।हमारा तो केवल यह देखना होता है कि उसकी कितनी जरूरत है जो बात को रख रहे हैं वह बात किस रूप में आनी चाहिए ।क्या वह एलिजिबल है अटेंशन लायक है उस पर विचार करके ताकि मेंबर को ताकि उन्हें अपनी बात कहने का अवसर मिले और वह अपनी बात कह सकें वहीं प्रदेश  हित की बात है पूरा मौका दिया जाएगा।

वही विपक्ष  के सदन ना चलने देने की बात पर विधानसभा स्पीकर ने कहा कि सदन को ना चलने देना कोई अच्छी बात नहीं है ।अगर उनके पास कोई विषय है वह बात रखें उनको मौका देंगे अब तक भी जो है सबको मौका दिया गया है ।और सरकार ने उसका जवाब दिया अब की बार भी अगर उसी प्रकार से वह अपनी बात रखना चाहेंगे चाहे वह एसवाईएल  पर हो या या किसी भी विषय पर पूरा मौका होने दिया जाएगा। वही स्पीकर ने बताया कि विधानसभा को हमने अब तक 60 पर्सेंट पेपरलेस किया है।

बहुत ज्यादा जो पेपर लगता था वह हमने लगभग समाप्त कर दिया ।हमारे पास जगह नहीं है लगभग 30 आदमियों का स्टाफ चाहिए। मेंबर की भी आवश्यकता है आहिस्ता आहिस्ता चल रहे हैं एकदम से पूरी तरह से पेपरलेस नहीं किया जा सकता कुछ हमने किया है कुछ और आगे आने वाले करेंगे कुछ मेरे से पहले जो थे उन्होंने किया धीरे-धीरे सब हो जाएगा।

वही छात्र संघ चुनाव पर स्पीकर ने कहा कि जो रणनीति तो सरकार की है सरकार क्या चाहती है पहले छात्र संघ के चुनाव होते थे चुनाव होते थे तो काफी इच्छा होती थी लेकिन उस समय चौधरी बंसी लाल जी ने इन चुनावों को बंद कर दिया था उसके बाद दोबारा काफी डिमांड थी। इसकी हमारे मुख्यमंत्री जी ने स्वीकार किया चुनाव होने में मुझे कोई बुराई नहीं लगती लेकिन लेकिन कोई हिंसा ना हो कोई लड़ाई झगड़ा ना हो इस तरीके से कोई चुनाव नहीं लड़ा जाए ।क्योंकि होता क्या है गड़बड़ हो ही जाती है ।जो राजनीतिक पार्टियां हैं वह ज्यादा हस्तक्षेप करती है जो राजनीतिक पार्टी है उनका छात्रसंघ के चुनाव में हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए चुनाव किसी सोच को लेकर लड़ा जाए तो ज्यादा अच्छा हो सकता है।

बस और मुझे लगता है कि आने वाले समय में परिवर्तन आएगा वह परिवर्तन क्या आएगा कि आज से पहले जो था नौकरी में भी नेताओं की मनमानी चलती थी। जो वह मेरिट चाहते थे वही बनाते थे।अब  इस सरकार ने वो सब समाप्त कर दिया। अब मेरिट के आधार पर  और मेरे ख्याल से छात्र भी अब इस तरफ ध्यान देंगे क्योंकि उन्हें पता आप ऐसे कुछ होने वाला नहीं है चाहे किसी काम के लिए मेरिट के आधार पर अब उन्हें बहकाया नहीं जा सकता जिस प्रकार से पहले बहकाया जाता था।