पुलिस ने पहले बरसाए डंडे, बाद में मांगी माफी

खबरें अभी तक। सेवा, सुरक्षा व सहयोग का नारा देने वाली रेवाड़ी पुलिस का असली चेहरा एक बार फिर उस वक्त बेनकाब हो गया, जब कावडिय़ों के बीच हुए झगड़े को शांत कराने पहुंचे पुलिस कर्मियों ने डंडे बरसाने शुरू कर दिए। इस दौरान सडक़ पर खड़ी एक बेकसूर की गाड़ी की लाईट के शीशे टूट गए, लेकिन मामले को बढ़ता देख मौके पर पहुंचे दरोगा ने बजाय कोई कार्यवाही करने के उल्टा बेकसूरों को ही डांटना शुरू कर दिया और वापस लौट आए।

दरअसल यह मामला रेवाड़ी जिले के औद्योगिक कस्बा घारूहेड़ा के सोहना रोड का है, जहां बीती रात धारूहेड़ा के दो ग्रुप डाक कावड़ लेने जा रहे थे। इस दौरान उनका किसी बात को लेकर आपस में झगड़ा हो गया और बात इतनी बढ़ गई कि एक ग्रुप के दो लोगों को चोटें भी आई।

घटना की सूचना मिलते ही मामले को शांत कराने मौके पर पहुंची पुलिस ने भीड़ को खदेडऩे के लिए डंडे फटकारने शुरू कर दिए, जिससे पुलिस का डंडा लगने से सडक़ पर खड़ी एक गाड़ी की लाईट के शीशे टूट गए। इससे गुस्साए लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया। उनका आरोप है कि मौके पर आए पुलिसकर्मियों ने शराब के नशे में यह तोडफ़ोड़ की है।

मामले को बढ़ता देख मौके पर पहुंचे दरोगा ने भी बजाय मामले को समझने या कोई कार्यवाही करने के उल्टा बेकसूरों को ही डांटना शुरू कर दिया और मामले का निपटारा कर वहां से चल दिए। मगर इस मामले में हैरान करने वाली बात यह रही कि अभी तक दोषी पुलिस कर्मियों पर विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई।

अब अगर आप दफ्तर में बैठे साहब का बयान सुनेंगे तो हैरान रह जाएंगे। उनके मुताबिक ऐसा कोई घटनाक्रम वहां हुआ ही नहीं है और जो भी आरोप लगा जा रहे हैं, वह निराधार हैं।

ऐसे में सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि पुलिस को आामजन की सुरक्षा से कितना सरोकार रह गया है। अब देखना यह होगा कि पुलिस इस मामले में क्या कार्यवाही अमल में लाती है। क्या दोषी पुलिस कर्मियों पर कोई कार्यवाही की जाएगी या फिर मामले को ही ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।