एक मासूम बच्ची ने खोला समाज सेवा संस्थान का घिनोना सच

खबरें अभी तक। विगत कई वर्षों से स्थगन आदेश के बाद चला रही मां विंध्यवासिनी महिला प्रशिक्षण एवं समाज सेवा संस्थान द्वारा दत्तक ग्रहण एवं बाल गृह का एक ऐसा घिनौना सच सामने आया जिसको सुनने के आप शर्मसार हो जाएंगे। यहां छोटे बच्चों से झाड़ू पोछा खाना बनवाने से लेकर कई ऐसे गलत  कार्य कराए जाते थे जिससे बच्चे काफी दुखी और परेशान रहते थे।

संस्था की रहने वाली एक मासूम अंजलि ने हिम्मत भरी और संस्था से भाग कर इन सारी बातों का खुलासा किया तब पुलिस अधीक्षक देवरिया रोहन पि कनय के पैर तले जमीन खिसक गई उनकी आंखें फटी की फटी रह गई बच्ची का दर्द देख तत्काल टीम गठित कर छापेमारी कर डाले जिस में अवैध तरीके से रह रहे 24 बच्चों को रेस्क्यू कर छुड़ाया गया।रेस्क्यू के बच्चे जब कैमरे के सामने आये तो काफी बुरी हालत में थे पुराने फटे कपड़ों के साथ देख कलेजा फट सा गया ।

आपको बता दे कि मासूम अंजलि विगत पिछले लगभग 3 वर्षों से इस संस्था में रह रही है । बच्ची अंजली से  संस्था की अध्यक्ष गिरजा त्रिपाठी के द्वारा झाड़ू पोछा ,बाथरूम साफ कराना, बर्तन साफ करने, से लेकर पैर दबाने तक का कार्य कराती थी। मना करने पर बच्ची को पीटा भी जाता था जिससे बच्ची इस फिराक में थी कि कब मुझे यहां से भागने का मौका मिले और मैं इस कैदखाने से आजाद हो जाऊं अचानक 5 अगस्त की सुबह के समय झाड़ू लगाते वक्त बच्ची ने देखा कि संस्था का दरवाजा खुला हुआ है उसकी अध्यक्ष फोन पर बातें करने में लगी है मौका पाते ही बच्ची वहां से भाग निकली भागकर बच्ची महिला थाने पहुंची जहां थाना इंचार्ज ने उसकी आपबीती सुनी एवं देर न करते हुए टेलीफोनिक सूचना पुलिस अधीक्षक महोदय को दे डाली ।

पुलिस अधीक्षक हरकत में आए एवं बच्ची के कथना अनुसार तत्काल टीम गठित कर छापेमारी कर दी छापेमारी में 24 बच्चियों का रेस्क्यू किया गया जिसमें 8 बच्चियां की उम्र 15 वर्ष से ऊपर थी एवं बाकी नाबालिग बच्चियां शामिल थी। जिन्हें पुलिस लाइन लाकर भोजन एवं नाश्ता कराया गया साथ ही साथ रहने की उचित व्यवस्था कराते हुए पुलिस अधीक्षक महोदय ने उन पर सुरक्षा की दृष्टि से महिला कांस्टेबलों की तैनाती भी कर दी।

मासूम अंजली से जब बात की गई तो उसने साफ शब्दों में बताया कि हमारे संस्था के नीचे रोज अलग-अलग गाड़ियां आती थी जिसमें संस्था की  बड़ी दीदी  लोग को बाहर ले कर चली जाती थी । शाम को गई दीदी सुबह जब लौटने पर  फूट-फूट कर रोती थी पूछने जाने पर  कुछ भी बताने से पहले खूब रोतीं थी उसके बाद  इंकार करती थी। साथ ही हमसे झाड़ू पोछा के अलावा पैर दबाने से लेकर बर्तन तक घुलवाय जाता था।खाने में सबसे ज्यादा चावल सब्ब्जी ही  दिया जाता था । यहाँ तक की हम लीगों को पड़ने तक की  भी मनाही थी ।

आपको बता दें कि इससे पहले संस्था को खाली कराने गए जिला प्रवेशन अधिकारी बाल संरक्षण अधिकारी एवं बाल कल्याण समिति के मेंबरों के साथ गलत व्यवहार किया गया था इसकी रिपोर्ट जिला प्रोबेशन अधिकारी ने जिलाधिकारी महोदय को दी थी । जिस पर अध्यक्ष एवं उनकी बेटी पर सरकारी काम में बाधा उत्पन्न करने एवं अधिकारियों से दुर्व्यवहार करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था अभी कुछ दिन ही बीते थे कि यह घटना घटित हुई एवं उनकी संस्था पर छापेमारी कर बच्चों को सही सलामत बचा लिया गया।छापेमारी करने गए शहर के कोतवाल को भी फर्जी मुकदमे में फसाने तक की धमकी दे डाली और कहा तुम्हारे ऊपर 376 का मुकदमा करुँगी

वही जिला प्रोवेशन अधिकारी का कहना यह कहना  है कि 22 जून 2017 को निदेशालय से साफ शब्दों में स्थगन आदेश के साथ बच्चों को दूसरे जगह स्थानांतरित करने का आदेश हमारे पास आया था जिसकी पालन करते हुए हमारे एवं हमारे सदस्यों द्वारा खाली कराने हेतु उनकी संस्था पर गए थे उस वक़्त हमारे साथ काफी दुर्व्यवहार किया गया जिसकी रिपोर्ट हमने जिलाधिकारी महोदय को दे दी थी।

बिहार के मुजफ्फरपुर की तरह देवरिया स्थित बालिका गृह से सेक्स रैकेट संचालित होने का मामला रविवार की रात उस समय उजागर हुआ, जब गृह से भागकर महिला थाना एक बालिका पहुंची। एसपी के निर्देश पर संस्था से 24 बच्चों व महिलाओं को मुक्त कराते हुए उसे सील कर दिया गया। साथ ही संचालिका, अधीक्षक समेत तीन को पुलिस ने देर रात गिरफ्तार कर लिया। पुलिस का दावा है कि 18 बच्चे अभी भी इस संस्था से गायब है। जिनके बारे में जानकारी की जा रही है।

मां विंध्यवासिनी महिला प्रशिक्षण एवं समाज सेवा संस्थान के द्वारा संचालित बाल गृह बालिका, बाल गृह शिशु, विशेषज्ञ दत्तक ग्रहण अभिकरण एवं स्वाधार गृह देवरिया की मान्यता को शासन ने स्थगित कर दिया है। इसके बाद भी संस्था में बालिकाएं, शिशु व महिलाओं को रखा जा रहा था। रविवार को बालिका गृह से बेतिया बिहार की रहने वाली एक बालिका प्रताड़ना के चलते भाग निकली। किसी तरह वह महिला थाने पहुंची और थानाध्यक्ष से आपबीती बताई। एसपी के निर्देश पर पुलिस संस्था पर पहुंची और वहां से 24 बच्चों, महिलाओं को मुक्त कराया। देर रात पुलिस लाइन के मनोरंजन गृह में पत्रकारों से वार्ता करते हुए पुलिस अधीक्षक रोहन पी कनय ने कहा बताया कि वहां के बच्चों से बातचीत हुई है। उन्होंने 15 से 18 वर्ष की संस्था में रह रही लड़कियों से अवैध धंधा कराने की बात कही है।

संस्था को सील कराते हुए वहां की अधीक्षका कंचनलता, संचालिका गिरिजा त्रिपाठी, मोहन त्रिपाठी को गिरफ्तार कर लिया गया है।