तत्काल टिकट बुकिंग में हाईटेक घोटाले का पर्दाफाश, CBI का सॉफ्टवेयर प्रोग्रामर हुआ गिरफ्तार

खबरें अभी तक। रेलवे की तत्काल आरक्षण प्रणाली का अवैध सॉफ्टवेयर तैयार करने के आरोप में सीबीआई ने अपने ही सॉफ्टवेयर प्रोग्रामर अजय गर्ग को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया. जांच एजेंसी ने तत्काल टिकट में धांधली के मामले में देशभर में 14 जगहों पर छापेमारी भी की. मामले में यूपी के जौनपुर से सात और मुंबई से तीन एजेंटों की पहचान की गई है.

अजय मौजूदा समय में सीबीआई में असिस्टेंट प्रोग्रामर है.  वह चार साल 2007 से 2011 तक आईआरसीटीसी में काम कर चुका था. यहां काम करते हुए उसने रेलवे टिकट प्रणाली के बारे में जानकारी हासिल की थी.  वह 2012 में सीबीआई में शामिल हुआ था. कंप्यूटर एप्लीकेशन में पोस्टग्रेजुएट गर्ग को आईआरसीटीसी आरक्षण प्रणाली की खामियां पता थीं और इसका फायदा उठाकर उसने अवैध सॉफ्टवेयर तैयार किया, जिससे वह तत्काल टिकटों के आरक्षण में धांधली करता था. जांच एजेंसी ने उसके करीबी सहयोगी अनिल गुप्ता को भी गिरफ्तार किया है. अनिल एजेंटों को पैसों के बदले तत्काल टिकट आरक्षण का सॉफ्टवेयर देता था.  सीबीआई ने अजय गर्ग को दिल्ली की कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे पांच दिन की रिमांड पर भेज दिया गया है.

जब यात्री आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर पूरी जानकारी भरते हैं तभी वेबसाइट हैंग हो जाती है. इसके बाद कंफर्म मिलने वाला टिकट वेटिंग में हो जाता है क्योंकि इसी दौरान अवैध सॉफ्टवेयर से टिकट बुक हो जाता है. गर्ग के सॉफ्टवेयर से भी पता चल जाता है कि कितनी टिकट बुक हुई हैं. उसी हिसाब से ये लोग टिकट बुकिंग में गड़बड़ी करते थे.