कॉलेज मे ना शौचालय ना पानी और ना ही बैठने की व्यवस्था

ख़बरें अभी तक। हिमाचल प्रदेश में सरकार शिक्षा को बेहतर करने के दावे कर रहा है लेकिन हकीकत कुछ और ही ब्यां करती है. मटौर सरकारी डिग्री कॉलेज तो खोल दिया गया लेकिन यह मूलभूत सुविधाओं को उपलब्ध करवाने के लिए सरकार शायद भूल गई आज हम आपको मटौर डिग्री कॉलेज के बारे में बता रहे है जिसके पास ना ही अपने शौचालय ना ही बच्चों के लिए पीने का पानी ओर ना ही उनके कॉलेज के बाहर बैठने के लिए कोई व्यवस्था है. जहां एक तरफ सरकार बेटी पढ़ाओं और शौचालय जैसी सुविधाएं देने की बात कर रही है वहीं मटौर कॉलेज मे मूलभूत सुविधाएं अभी तक उपलब्ध नहीं करवाई गई है. स्कूल की छात्राओं का कहना है कि यहां कोई भी सुविधा उपलब्ध नहीं है पानी और शौचालय भी नहीं है

मटौर कॉलेज में कुल 700 स्टूडेंट है जिसमें से 450 लड़कियां है इस कॉलेज मे आट्स और कॉमर्स की कक्षाए चल रही है जिसके लिए स्कूल का कमरा भी इस्तेमाल की जा रहा है प्राइमरी स्कूल मे जहां छोटे छोटे बच्चे एक से लेकर पांचवी तक शिक्षा ग्रहण करते है. प्राइमरी स्कूल की संचालिका अध्यापिका का कहना है की कॉलेज के बच्चे पूरा दिन स्कूल के बाहर बैठे रहते है जिससे छोटे बच्चों का भविष्य भी खराब हो रहा पूरा माहौल खराब कर दिया गया है वहीं अध्यापिका ने बताया की स्टाफ के लिए दिया गया था लेकिन अब यहां कॉलेज की कक्षाए लगाई जा रही है जिससे छोटे बच्चों के लिए समस्या आ गई है.

प्राइमरी स्कूल के बच्चे की मां का कहना है कि सरकारी स्कूल मे उन्होंने अपने बच्चे को इस लिए डाला की वे पढ़ लिख कर कामयाब हो सके, लेकिन यहां कॉलेज के बच्चों ने स्कूल का माहौल खराब कर रखा है इसपर कार्रवाई की जानी चाहिए.कॉलेज प्रिंसिपल रश्मि रमौल का कहना है की वे कई बार कॉलेज की मूलभूत सुविधाओं के लिए विधायक डीसी वे हर जगह जा चुकी है पत्राचार भी लगातार किया जा रहा है लेकिन अभी तक कोई भी निष्कर्ष नही निकला है प्रिंसिपल ने खुद माना की कॉलेज में मूलभूत सुविधाओं का आभाव है