खबरें अभी तक। राशन प्रक्रिया को ऑनलाइन करने के बाद खाद्य एवं आपूर्ति विभाग से लेकर राज्य सरकार इस योजना का ढोल पिट रहे हों ,लेकिन जमीनी हकीकत इससे कोसों दूर है। जब से ऑनलाइन राशन हुआ , मानो कम पढ़े लिखे या अनपढ़ लोगों को बैठे – बिठाये मुसीबत गले पड़ गई। जागरूकता के अभाव में या विभाग की लापरवाही से कुछ राशन कार्ड ऑनलाइन नहीं हुए तो राशन मिलना ही बंद हो गया। राशन एक -दो महीने का नहीं बल्कि तीन सालों से नहीं मिला। ऐसे में गरीब परिवार को पेट पालने तक के लाले पड़ गए। गरीब अधिकारियों से लेकर सरपंचों तक से गरीबों ने राशन दिलाने की गुहार लगाई , लेकिन सबका साथ सबका विकास बेईमानी साबित हुआ।
जानकारी के मुताबिक नूंह जिले के रानीका व बुराका में गरीब परिवारों को सरकारी राशन पिछले 3 सालों से नही मिल रहा है। दोनों गांवों के लोगो का कहना है कि जब से ऑनलाईन राशन वितरण की शुरुआत हुई है तभी से दोनों गांव के लोगों को सरकारी राशन नही मिला है। ग्रामीणों ने इस बारे में कई बार खाद्य आपूर्ति विभाग के उच्चाधिकारियों मुलाकात की। इसके साथ-साथ CM विंडो में भी शिकायत कर चुके हैं , लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। दोनों गांव में 700 के करीब परिवार रहते हैं। गांव में ज्यादातर बीपीएल परिवार रहते हैं , पहले सभी परिवारों को सरकारी राशन मिलता था।
लेकिन जब से ऑनलाइन राशन प्रणाली शुरू हुई है , तभी से इन परिवारों को सरकारी राशन नहीं मिल रहा है। कई बार अधिकारियों से लेकर सीएम विंडो में शिकायत दे चुके हैं , लेकिन अभी तक इस बारे में कोई सुनवाई नहीं हो रही है। बीपीएल परिवारों का कहना है कि खाद्य आपूर्ति विभाग से इस बारे में मिल चुके हैं , लेकिन बार-बार यही आश्वासन दिया जाता है कि जल्दी ही आपका खाता ऑनलाइन कर दिया जाएगा। लेकिन काफी समय बीत गया है , अभी तक किसी का भी खाता ऑनलाइन नहीं हुआ है। जिसकी वजह से गरीब परिवारों को सरकारी राशन नहीं मिल रहा है। दोनों गांव के लोगों का कहना है कि सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट – काट कर वे थक चुके हैं। इन गरीब परिवारों की सुनने वाला कोई नहीं है , अब हार कर सरकारी राशन का ख्वाब बंद हो गया है।