खबरें अभी तक। देश मे नैशनल मेडिकल कमीशन बिल जिसे पारित करने के लिए भारत सरकार द्वारा लोकसभा में पेश किया जायेगा। इस बिल का इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आहवान पर जिला कुल्लू के सरकारी और निजी अस्पतालों के डॉक्टरो ने विरोध जाहिर किया। इस दौरान इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सदस्यो ने एडीएम अक्षय सूद को एक ज्ञापन भी सौंपा। वही, जिला कुल्लू के निजी अस्पतालों और क्लीनिकों में एमरजेन्सी सेवाओं को छोड़कर डॉक्टरों ने अन्य अस्पतालों में सेवाएं नही दी।
वही, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन हिमाचल के मुख्यसलाहकार ओम पाल ने कहा कि नैशनल मेडिकल बिल में ऐसी कई धाराएं है वो सही नही है। इसी के विरोध में देश के साथ प्रदेश में भी एसोसिएशन विरोध कर रही है।वही इंडियन मेडिकल एसोसिएशन प्रदेश की महासचिव अभिलाषा ठाकुर ने राष्ट्रीय चिकित्सा विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि लोकतंत्र विरोधी चुने हुए प्रतिनिधि बिल्कुल भी सही नही है और इसमें सरकार का ही बोलबाला रहेगा।
भारत सरकार ने निजी मेडिकल कॉलेजो को सीट का कोटा 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया है ।जिससे समृद्ध घरों से युवा भारी फीस देकर डॉक्टर बनेंगे। वो ऐसे में क्या गांव में जाकर सेवाएं दे पाएंगे। उन्होंने कहा कि इसमे पहले मेडिकल टेस्ट पास करने के लिए 40 प्रतिशत अंक लेना जरूरी था। पर अब इसे 50 प्रतिशत कर दिया है। जिससे पिछड़े वर्ग और अन्य आरक्षित वर्ग को आरक्षण का फायदा नही मिल पाएगा। इसी तरह के अन्य कारणों की बजह से इंडियन मेडिकल एसोसिएशन बिल का विरोध कर रही है।