उकलाना में करोड़ों रुपए की ग्रांट में पल रहे डेंगू के मच्छर

ख़बरें अभी तक। उकलाना शहर हमेशा ही अनदेखी का शिकार रहा है. उकलाना के लोगों का मानना यह है कि शायद उकलाना में अपोजीशन का विधायक होने के कारण उकलाना में विकास कार्यों के नाम पर सिर्फ बातें होती हैं. जिसका जीता जागता सबूत उकलाना की पुरानी अनाज मंडी में देखने को मिला.

आज सुबह उकलाना के अनेक आढती एवं व्यवसायी इकट्ठे हुए और उन्होंने उकलाना के विकास कार्यों की पोल खोलकर रख दी. उकलाना की पुरानी अनाज मंडी में गहरे गड्ढे, गंदगी के ढेर, पानी का ठहराव और उसके ऊपर डेंगू के मंडराते मच्छर इस बात की ओर  साफ ही ईशारा कर रहे हैं कि उकलाना में भले ही मुख्यमंत्री ने करोड़ों रुपए की ग्रांट की घोषणा की हो लेकिन विकास कार्य जमीनी हकीकत से बहुत परे है.

स्थानीय लोगों का आरोप है कि उकलाना में नगर पालिका के कर्मचारी एवं भाजपा के कुछ नेता सांठगांठ करके सारे पैसे को खुर्द-बुर्द करने में लगे हैं. आमजन का यह भी कहना है कि लोगों की समस्याओं की ओर ना प्रशासन का ध्यान है और ना ही सरकार का.

भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं मार्केट कमेटी के वाइस चेयरमैन ओमप्रकाश दनोदा भी मौके का जायजा लेने पुरानी अनाज मंडी पहुंचे तो अपने ही रुमाल से अपनी नाक को दबाने के लिए मजबूर होना पड़ा. उसके बाद नेता जी ने सिर्फ बयान देते हुए माना कि मुख्यमंत्री ने करोड़ों रुपए विकास के लिए दिए हैं लेकिन कार्य नहीं हुए. इसको लेकर के खुद मुख्यमंत्री से मिलेंगे.  जनाब सिर्फ इतनी सी बात कह देने से ना तो गंदगी के ढेर दूर होंगे और ना ही मच्छरों से पनपने वाली बीमारियों का इलाज. क्या इस अनदेखी का शिकार उकलाना इस प्रकार होता रहेगा और लोग इसी प्रकार बीमार होते रहेंगे.