जुएं की लत पड़ी भारी दोस्तों ने उतारा मौत के घाट

ख़बरें अभी तक। आज का युवा पैसे कमाने के लिए मेहनत के बजाय गलत रास्तों को अपना रहा है.जिसके कारण में जुर्म की दलदल में धंसता जा रहा है.ताजा मामला कुंडली में सामने आया है. जहां पर दोस्तों ने अपने एक दोस्त की हत्या महज इसलिए कर दी कि वह सभी जुआ खेल रहे थे और उनके एक साथी ने उनसे जुए में 18 हजार रुपये जीत लिए थे. जिसके बाद उन्होंने पहले उसे पीटा और फिर सिर में पत्थर मारकर हत्या कर दी. गिरफ्तार आरोपी महेश यूपी के हरदोई का रहने वाला है. पुलिस रिमांड पर लिया है ताकि अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर सके.

गौरतलब है कि बीते 19 जुलाई को गांव नांगल कला के ग्रामीणों खेत की तरफ गए तो उन्हें ट्रेन नंबर आठ के निकट एक युवक का शव मिला.जिसके बाद उन्होंने पुलिस को सूचना दी.युवक की शव पर चोट के निशान मिले थे जिसके बाद हत्या का मामला दर्ज किया गया था बाद में शव की पहचान यूपी के हरदोई निवासी प्रदीप के रूप में हुई थी.जब पुलिस ने मामले में जांच की तो पता चला कि इसके अन्य 3 साथी गायब है. वहीं पुलिस ने एक आरोपी महेश को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपी महेश ने बताया कि प्रदीप उनका साथ ही था. वह नाथू पुरा के पास फैक्ट्री में काम करते थे साथ ही हरदोई जिले से ही तीन अन्य युवक भी थे. सभी दहिया कॉलोनी कुंडली में किराए पर रहते थे. घटना की रात उन्होंने शराब पी थी और फिर जुआ खेल रहे थे.जुए में ₹18000 की राशि प्रदीप ने जीती थी. जिसके बाद चारों राशि वापस मांग रहे थे, लेकिन उसने नहीं दी हमने पहले प्रदीप को बेल्ट से पीटा और फिर उसके सिर में पत्थर मारकर उसकी हत्या कर दी थी.

पुलिस जांच अधिकारी नरेश ने बताया कि 19 जुलाई को ट्रेन नंबर 8 के पास शव मिला था.जिसकी पहचान बाद में हरदोई यूपी निवासी प्रदीप के रूप में हुई थी.प्रदीप की हत्या की गई थी.वहीं इस मामले में एक आरोपी महेश को गिरफ्तार किया गया है.. जो हरदोई यूपी का रहने वाला है.. इसने अपने साथियों के साथ मिलकर प्रदीप की हत्या की थी.क्योंकि यह सभी जुआ खेल रहे थे और प्रदीप ने जुए में ₹18000 जीत लिए थे और वह वापस लेने के लिए इन्होंने उसे पहले पीटा और फिर पीट मारकर उसकी हत्या की थी.आरोपी को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया गया है ताकि अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया जा सके. पूरे मामले के बाद एक बार फिर यह साफ हुआ है.कि नशे और गलत आदत युवाओं को मुजरिम बना रही है बहरहाल देखना यही होगा कि युवा अपनी आदत कब सुधारते है और सोनीपत का आपराधिक ग्राफ कब कम होता है.