शिमला के मेंटल अस्पताल में मानसिक रोगी युवती के साथ बलात्कार

खबरें अभी तक। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के बालूगंज में एक मात्र मानसिक रोग एवं पुनर्वास अस्पताल में भर्ती मानसिक तौर पर बीमार एक युवती से दुराचार का मामला सामने आया है। अपनी तरह के इस पेचीदा मामले में पुलिस  भी खुद ही  असमंजस जैसी स्थिति में है ! दोनों आरोपी औरत पीडिता अस्पताल में मानसिक रोग का इलाज करवाने के लिए दाखिल है ! लेकिन दोनों को इस तरह आपतिजंक हालातों में मिलना  घम्भीर विषय है ! जिसके लेकर पुलिस और अस्पताल प्रबंधन दोनों ही पसोपेश में है ।

मामला  मंगलवार शाम अस्पताल के स्नान गृह का है जब दोनों को अस्पताल के एक महिला कर्मचारी ने आपतिजनक हालातों में पाया और इसकी जानकरी अधिकारियों को दी गई !  आरोपित इसी अस्पताल में उपचाराधीन 32 वर्षीय युवक है। जबकि पीडिता 22 साल की है जो मूलतः पश्चिमी बंगाल की रहने वाली है, और कथित आरोपित हिमाचल का रहने वाला है।

अस्पताल की एक चतुर्थ महिला कर्मी सफाई के लिए स्नानगृह पहुंची, तो उसने आरोपित को पीड़िता के साथ दुराचार करते पाया और इसकी सूचना अस्पताल प्रबंधन को दी। अस्पताल प्रबंधन ने मामले की जानकारी पुलिस को दी।

अस्पताल के चिकित्सक डॉक्टर पुनीत की शिकायत पर बालूगंज पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 376 के तहत मामला दर्ज कर तफ़्तीश शुरू कर दी है।

अस्पताल के मेडिकल सुप्रिडेंट संजय पाठक ने कहा है की अस्पताल के कर्मचारी ने महिला और पुरुष को आपतिजनक हालातों में शौचालय में देखने के बाद प्रशासन को घटना की दी  जानकरी ! डाक्टर ने कहा कि  अस्पताल प्रबंधन अपने तरीके से सभी तरह के सुरक्षा इंतजाम करता है ! अह्तियती इंतजाम, सुरक्षा आदि की भी पुक्ता व्यवस्था रहेती है बावजूद ऐसी घटनाये हो जाये तो उसके लिए जाँच के बाद ही देखा जायेगा कि किस स्तर पर खामियां पाई गई है !

पुलिस ने बताया कि पीड़िता की चिकित्सीय जांच करवाई जा रही है और तथ्य एकत्रित किया जा रहा। आरोपित अस्पताल में ही उपचाराधीन मानसिक रोगी है। फिलहाल आरोपित को गिरफ्तार नहीं किया गया है। मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचा जा सकता है ! पुलिस  संजीदगी से मामले की जाँच कर रहीं है !

नशा मुक्ति केंद्र के डॉक्टर डॉ पंकज बताते है की इन दिनों नशा मुक्ति केंद्र में नशा छोड़ने वालो की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है,पहले मरीज बहुत कम आते थे लकिन इन दिनों 100 से 150 मरीज रोज़ाना नशे की समस्या को लेकर आते है,अधिकतर मरीज चिट्टा,हेरोइन और स्मैक का सेवन करने वाले है,मरीजों की बढ़ती संख्या को देख प्रसाशन ने अतिरिक्त बेड लगाकर एक नया वार्ड अस्पताल में बनाया है,जिससे अब आने वाले मरीजों को कोई समस्या नहीं होगी।

नशा छोड़ने आये एक मरीज ने कहा की उसने 2 साल तक हेरोइन का नशा किया,अब वो यहाँ उपचार करवाने आया हुआ है,उसने बताया की 2 महीनो से इलाज करवा रहा हु अब ठीक हु.