फसल बीमा योजना के नाम पर किसानों के साथ मजाक, बीमा कंपनी ने रिकॉर्ड में कपास को लिख दिया धान

खबरें अभी तक। फतेहाबाद में फसल बीमा योजना के नाम पर किसानों के साथ मजाक सा हो रहा है। सोमवार को फतेहाबाद जिले के गांव जांडली कलां के सैकड़ों किसान डीसी कार्यालय पहुंचे जिनकी शिकायत थी कि उन्हें (किसानों) को कपास और नरमा फसल का मुआवजा मिलना है। लेकिन बीमा कंपनी ने मुआवजा राशि जारी करने संबंधित अपने रिकॉर्ड में नरमा कपास की जगह धान लिख दिया है।

मुआवजा नरमा और कपास फसल का मिलना था और बीमा कंपनी द्वारा रिकॉर्ड में धान लिखे होने के कारण बैंक अब किसानों को मुआवजा राशि जारी नहीं कर रहा है। सोमवार को डीसी कार्यालय पहुंचे जांडली कलां गांव के किसान राजेश कुमार ने बताया कि उनके गांव के किसानों को बीमा कंपनी की ओर से मुआवजा राशि बैंक को भेजी गई है। लेकिन जब वह बैंक में मुआवजा राशि लेने के लिए पहुंचे तो बैंक ने उन्हें बताया कि उनके रिकॉर्ड में कपास या नरमा की फसल नहीं लिखी हुई है और बीमा कंपनी की ओर से मुआवजा नरमा कपास की फसल का ही आया है। बैंक की ओर से दिए गए रिकॉर्ड में किसानों को पता चला कि बीमा कंपनी ने सैकड़ों किसानों के रिकॉर्ड में नरमा और कपास फसल की जगह धान फसल का जिक्र किया हुआ है जिसके चलते किसानों को मुआवजा नहीं मिल पा रहा है।

किसान राजेश कुमार ने बताया कि सोमवार गांव के सैकड़ों किसानों के साथ वह भी इसी समस्या को लेकर डीसी कार्यालय पहुंचा जहां डीआरओ (जिला राजस्व अधिकारी) विजेंद्र भारद्वाज से मिलकर उक्त समस्या बताई। किसानों ने डीआरओ से मांग की कि इस समस्या का समाधान करवा कर किसानों को मुआवजा जारी करवाया जाए। डीआरओ विजेंद्र भारद्वाज ने बताया कि रिकॉर्ड में नरमा और कपास फसल की जगह धान लिखे जाने के कारणों का पता लगाने के लिए बैंक अधिकारियों और बीमा कंपनी के अधिकारियों के रिकॉर्ड का मिलान करके जांच की जाएगी।

डीआरओ ने कहा कि रिकॉर्ड में अगर बीमा कंपनी की ओर से गड़बड़ मिलती है तो संबंधित बीमा कंपनी के खिलाफ FIR दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। डीआरओ ने किसानों को भी बैंक में केसीसी रिकॉर्ड को चेक करके दुरुस्त करने के लिए कहा है। साथ ही किसानों को भरोसा दिलाया कि समस्या का समाधान करवा कर जल्द ही सभी किसानों को मुआवजा राशि जारी करवाई जाएगी।