अंबाला की पहली ई-रिक्शा चालक बनी रेनू राय

ख़बरें अभी तक। हरियाणा के अंबाला में माहिलाएं हर कदम पर पुरुषों का मुकाबला करती दिखाई दे रही है. अपने तीन छोटे छोटे बच्चों की दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करने के लिए अंबाला छावनी की रहने वाली रेनू राय ने भी नारी शक्ति का परिचय देते हुए किराए पर ई-रिक्शा लिया और बन गई अंबाला की पहली ई रिक्शा चालक. कड़कड़ाती धूप में सवारियां ढोती यह महिला ई-रिक्शा चालक निसंदेह औरों के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं.

तस्वीरों में दिखाई दे रही ये महिला है अंबाला छावनी की पहली ई-रिक्शा महिला चालक रेनू राय. अंबाला छावनी के देवी लाल नगर  की रहने वाली रेनू ने अपना परिवार चलाने के लिए ई-रिक्शा चलाने का निर्णय लिया और फिर जैसे तैसे किराए पर ई रिक्शा ले कर, कड़कती धूप में अंबाला छावनी की सड़कों पर अपने ई रिक्शा में सवारियों को बिठा उनके गंतव्य तक पहुंचाना शुरू कर दिया. कुल मिला कर रेनू राय का ये जज्बा भी नारी सशक्तिकरण की मिसाल है.

किसी के आगे हाथ फैलाने या खुद को असहाय बनाने से अच्छा रेनू ने खुद को इस लायक बनाया की वह  दिन के तीन चार सौ रुपए कमा सके जिससे वो रिक्शे का किराया निकालने के बाद अपने बच्चों के लिए दो वक्त की रोजी रोटी का जुगाड़ कर सके. बहरहाल रेनू को इंतजार है तो बस उस वक्त का जब महिला सशक्तिकरण की बात करने वाली खट्टर सरकार के अधिकारी या नेता उसकी तरफ मदद का हाथ बढ़ा कर उसे और सशक्त होने में मददगार बनेंगे.

रेनू राय का ई रिक्शा चलाना बाकी महिला सवारियों को भी खूब भा रहा है. महिला सवारियां भी रेनू के इस जज्बे की खूब तारीफ कर रही हैं और यही कह रही हैं कि रेनू अन्य महिलाओं के लिए भी एक मिसाल है. उम्मीद की जा सकती है रेनू को देख कर अन्य महिलाओं में भी कुछ कर गुजरने का जज्बा जागेगा और वह खुद अपने पैरों पर खड़ा होने के लिए इस पुरुष प्रधान देश मे पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिला कर चलने के लिए कोई भी मुश्किल काम आसानी से कर पाएंगी.