अलीगढ़ में सामने आया डस्टबिन घोटाला, आयोग को लगी 42 लाख की चपत

खबरें अभी तक। अलीगढ़ के चंडौस ब्लॉक में डस्टबिन व कूड़ा उठाने वाली ट्राली खरीदने के नाम पर बड़ा घोटाला हुआ है। करीब तीन दर्जन ग्राम पंचायतों ने निजी फर्म से मिलकर राज्य वित्त व 14वें वित्त आयोग के 42 लाख रुपये ठिकाने लगा दिए। प्रधान व सचिवों की मिलीभगत से यह पूरा खेल हुआ। भुगतान के पांच माह बाद एक भी डस्टबिन नहीं आया। तब इससे जुड़े व्यक्ति ने ही भंडाफोड़ किया। अब डीएम ने फर्म को ब्लैक लिस्टेड कर FIR के आदेश कर रिपोर्ट करा दी हैं। प्रधान व सचिव को पैसा जमा करने का नोटिस जारी किया है। तय समय सीमा के बाद इनके खिलाफ भी मुकदमा होगा।

गांव-देहात में विकास कार्य की जिम्मेदारी पंचायत राज विभाग की होती है। शासन स्तर से 14वें वित्त आयोग व राज्य वित्त आयोग से बजट दिया जाता है। ग्राम प्रधान व सचिव विकास कायरे की जिम्मेदारी संभालते हैं। ग्राम पंचायत समिति के प्रस्ताव के आधार पर विकास कार्य कराते हैं। जनवरी में चंडौस ब्लॉक की करीब तीन दर्जन ग्राम पंचायतों ने डस्टबिन व कूड़ा उठाने वाली मशीन खरीदने की योजना बनाई।

इसके लिए निजी एनसीआर इंफ्रावेंचर फर्म का चयन कर संयुक्त रूप से फर्म संचालक को 42.78 लाख रुपये दे दिए। पांच महीने से अधिक समय गुजर गया लेकिन किसी ग्राम पंचायत में एक डस्टबिन तक नहीं आया है। जिसमें एक व्यक्ति ने पूरे मामले की शिकायत सीडीओ से की। उन्होंने तत्काल डीपीआरओ को जांच अधिकारी नियुक्ति कर तीन दिन में रिपोर्ट मांगी।

जांच में सामने आया कि सभी प्रधानों ने सरकारी धन ठिकाने लगाने की मंशा से योजना बनाई थी। किसी सक्षम अधिकारी से न तो अनुमति ली न संज्ञान में डाला। बिना कुटेशन लिए फर्म से मिलीभगत कर भुगतान कर दिया। इसी कारण सप्लाई नहीं की जा रही थी। हालाँकि जिलाधिकारी की सख्ती  कुछ रुपया वापस हो गया है।