सरकारी अस्पताओं की खस्ता हालत, बूंद-बूंद पीनी को तरसे मरीज

खबरें अभी तक। भले ही योगी सरकार गरीबों के बेहतर ईलाज को लेकर लाख कोशिश करें लेकिन फिर भी सरकारी अस्पतालों के हालात आज भी बद से बदतर बने हुए हैं। जिसकी धज्जियां खुद ही सरकारी अधिकारी उड़ाने पर लगे हुए हैं। बेहताशा गर्मी और गंदगी के बीच जुझते अस्पताल में मरीज पानी की बूंद-बूंद तक को तरस रहें हैं। सवाल पैदा होता है कि ऐसे मे आखिर मरीज अपनी फरियाद लेकर कहा पर जाये।

उत्तर प्रदेश के जिला मुख्यालय बिजनौर से 35 किलोमीटर दूर नजीबाबाद में सरकारी जनाना अस्पताल आज भी अधिकारियों की लापरवाही के चलते बदहाली के आंसू बहा रहा हैं। जिसका खामियाजा मरीजों को उठाना पड़ रहा है।  अस्पताल मे लगे पंखे शोपीस बने हुए है जिस कारण बेहताशा गर्मी से बचने के लिए वार्ड मे मरीजों को चुनरी और हाथ के पंखो का सहारा लेकर इलाज कराना पड़ रहा है। हालात यह है कि पानी का वाटर कुलर और टायलेट के बाहर लगा नल भी अस्पताल में शोपीस बना हुआ है। जिस कारण मरीज पानी की बूद-बूद को तरस रहे है। अस्पताल मे मरीजों के लिए बने स्नान घर पर ताला लटका हुआ है। जबकि वार्ड में बिजली का कनक्शन तो मौजूद है। लेकिन लाईटे गायब है तो आखिर ऐसे हालात मे मरीज क्या करें।

भले ही भारत 21 वी सदी मे प्रवेश कर गया हो लेकिन आज भी नजीबाबाद के सरकारी जनाना अस्पताल के हालात बदलते हुए नजर नहीं आ रहे हैं। अस्पताल परिसर मे जगह-जगह लगे गंदगी के ढेर खुंद ही मरीजों को ठीक करने की बजाए बीमार करने का काम कर रहा हैं। ईलाज के अभाव मे मरीजो का अस्पताल मे इधर उधर भटकना खुद ही इसकी कहानी को बयान कर रही है।

नजीबाबाद के जनाना सरकारी अस्पताल परिसर मे मानवता को शर्मसार करते हुए फर्श पर लेटी इस जच्चा को देखकर आप खुद ही अंदाजा लगा सकते है कि जब इलाज कराने आई जच्चा की डॉक्टरों ने भी नहीं सुनी तो वह थक हारकर फर्श पर ही लेट गयी। जिस पर किसी ने भी कोई ध्यान नहीं दिया । मरीजों की माने तो जच्चा का नजीबाबाद के सरकारी जनाना अस्पताल में बिना डॉक्टर की गैर मौजूदगी में ही स्वास्थ्य कर्मियो के सहारे ईलाज चल रहा है। जनाना अस्पताल की बदहाली को लेकर स्थानीय लोग कई बार सीएमओ से भी शिकायत कर चुके हैं। लेकिन कोई नतीजा न निकलते देख अब नगर की एक समाजसेवी महिला ने मरीजों के साथ हो रहे खिलवाड़ को लेकर बीड़ा उठाते हुए अपनी ही सरकार मे न सुने जाने पर धरना देने तक की चेतावनी दे डाली है। जो भाजपा के टिकट पर निकाय चुनाव लड़ चुकी है। इस मामले को लेकर अधिकारी लोग कैमरे के सामने आकर कुछ भी बोलने  से कतरा रहे है।

सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर योगी राज मे भी जनाना अस्पताल के हालात को लेकर सरकारी अधिकारियों ने क्यो चुप्पी साधी हुई है। जिस पर तरह-तरह के सवाल उठ रहे हैं कि आखिर कब तक अस्पताल के हालात सुधरेंगे।