राज्य में प्लास्टिक व थर्मोकोल की कटलरी पर लगेगा पूर्ण प्रतिबन्ध

ख़बरें अभी तक। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि राज्य सरकार प्रदेश के पर्यावरण को संरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध है. इसी दिशा में मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर राज्य में प्लास्टिक व थर्मोकोल कटलरी पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाने की घोषणा की थी. यह निर्णय आवश्यक था, लेकिन देखने में आया है कि पॉलिथीन पर पूर्ण प्रतिबन्ध के बावजूद थर्मोकोल के कप, प्लेटें, गिलास व चमच्च अभी भी प्रयोग में लाए जा रहे हैं, जिससे प्रदेश सरकार वांछित परिणाम प्राप्त नहीं कर सकी है.

इसके मद्देनजर राज्य सरकार ने अपनी अधिसूचना के माध्यम से दोहराया है कि दुकानदार, रेहड़ी-फेरी वाले, थोक विक्रता, फुटकर विक्रेता इत्यादि कोई भी व्यक्ति थर्मोकोल कटलरी अर्थात कप, प्लेटों, गिलास, चमच्च व हिमाचल प्रदेश जीव-अनाशित कूड़ा-कचरा (नियन्त्रण) अधिनियम, 1995 में संलग्न अनुसूची में सूचिबद्ध जीव-अनाशित सामग्री से किसी भी रूप में निर्मित खाना परोसने व उसका उपयोग करने के लिए प्रयुक्त किसी वस्तु का उपयोग नहीं कर सकेगा.

प्रवक्ता ने कहा कि उल्लंघन करने वाले व्यक्ति, संस्था, वांणिज्यिक संस्थान जैसे शैक्षणिक संस्थाएं, कार्यालय, होटल, दुकानें, मिठाई की दुकानें, ढाबे, धार्मिक संस्थाएं, औद्योगिक स्थापन, प्रीतिभोज हाल आदि उपरोक्त अधिनियम में दिखाए गए अनुबन्धों के अनुसार दण्ड के पात्र होंगे. इससे न केवल पर्यावरण संरक्षण में सहायता मिलेगी, बल्कि प्रदेश में इको पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा.

उन्होंने कहा कि थर्मोकोल कटलरी पर प्रतिबन्ध अधिसूचना के राजपत्र (ई-गैजेट, हिमाचल प्रदेश) में प्रकाशित होने के तीन महीने बाद लोकहित में पूरे प्रदेश में लागू होगा, ताकि इस अवधि के दौरान निर्माता, स्टॉकिस्ट व दुकानदार अपने स्टॉक को बेच सकें और उन्हें कोई भी वित्तीय हानि न हो.