बेरी में लगी नारी की चौपाल, महिलाओं ने की उपायुक्त के साथ मन की बात

ख़बरें अभी तक। उपायुक्त सोनल गोयल की पहल पर बेरी के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय परिसर स्थित लाला नौबत राय मैमोरियल हॉल में शुक्रवार को नारी की चौपाल-मन की बात कार्यक्रम का आयोजन हुआ. बेरी उपमण्डल के सभी गांवों से महिलाओं ने कार्यक्रम में भागीदारी की. इस कार्यक्रम की सबसे खास बात यह रही कि महिलाओं को अपने अनुभव सांझा करने का अवसर मिला और उपायुक्त के साथ महिलाओं ने खुलकर अपने मन की बात कही. महिलाओं के साथ-साथ उपायुक्त ने स्कूल की बच्चियों को भी बोलने का अवसर प्रदान किया और भविष्य को लेकर बालिकाओं के सपनों पर चर्चा की.

नारी की चौपाल कार्यक्रम के दौरान ही महिलाओं के लिए थ्री लेग दौड़ में सोनल गोयल ने भी भागीदारी की. थ्री लेग के साथ-साथ महिला प्रतिभागियों ने बोरी दौड़ में भी बड़े उत्साह के साथ प्रदर्शन किया. नारी की चौपाल कार्यक्रम के साथ ही उपायुक्त ने महिलाओं को अपने अनुभव सांझा करने के लिए विशेष सत्र मन की बात भी रखा. राकवमावि बेरी में आठवीं कक्षा की छात्रा निकिता ने अपनी मन की बात बतलाते हुए कहा कि वह बड़ी होकर शिक्षक बनना चाहती है.

उपायुक्त ने जब सवाल किया कि शिक्षक बनने के पीछे आपकी वजह तो निकिता ने बताया कि हर लड़का-लड़की को शिक्षित बनाने के लिए उन्होंने वह सपना देखा है. उपायुक्त ने निकिता व उसके सपने की प्रेरणा बने शिक्षकों की भरपूर प्रशंसा की. गांव शेरिया से गृहिणी सुनीता ने बताया कि जो व्यक्ति बेटा-बेटी के बीच भेद करता है वह पशु के समान है. जीवन में अपनी बेटियों को आगे बढऩे के पर्याप्त अवसर दें उनके सपनों को पूरा करने में पूरी मदद करे. उपायुक्त ने अपना उदाहरण देते हुए बताया कि उनके माता-पिता ने उन पर विश्वास किया और उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहन दिया. जिसकी वजह से उन्होंने कंपनी सेक्रेटरी व लॉ की पढ़ाई पूरी करने के उपरांत संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा उतीर्ण की.

मन की बात में उपायुक्त के समक्ष स्नेह ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम की भरपूर प्रशंसा की. इस कार्यक्रम को देखकर लगने लगा है कि अब हरियाणा में माहौल बदल रहा है. उपायुक्त ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ की सफलता का बेरी शहर का उदाहरण देते हुए बताया कि पिछले तीन महीनों के दौरान जन्म लेने वाले बच्चों में लिंगानुपात की स्थिति एक हजार से अधिक है.

गांव एमपी माजरा से पहुंची नीलम ने बताया कि झज्जर जिला में उपायुक्त के पद पर महिला होने के कारण बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान को नई गति मिली है. मेरा परिवार विशेषकर मेरी बेटी उपायुक्त सोनल गोयल को रोल मॉडल मानती है और बड़ी होकर उन जैसा बनना चाहती है. कार्यक्रम में डीघल, गोच्छी आदि गांवों से महिलाओं ने खुलकर अपने मन की बात उपायुक्त से की। उपायुक्त ने नारी की चौपाल के अध्यक्षीय संबोधन में झज्जर जिला में प्रशासन की ओर से चलाए गए उमंग एक पहल, सांझी मदद, जागृति आदि के बारे में जानकारी दी.

उपायुक्त ने कहा कि बेरी खण्ड को सक्षम घोषित होने पर कार्यक्रम में उपस्थित महिलाओं को बधाई भी दी. झज्जर हरियाणा का ऐसा पहला जिला है जहां पर तीन खण्ड क्रमश: बेरी, मातनहेल व साल्हावास सक्षम घोषित हुए है. उन्होंने उम्मीद जताई कि शीघ्र ही बहादुरगढ़ व झज्जर खण्ड के साथ पूरा झज्जर जिला सक्षम बनेगा. महिलाओं को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि झज्जर पूरा जिला बेटियों के लिए सुरक्षित बने. अपने आस-पास भ्रूण हत्या या लिंग जांच आदि की सूचना मिले तो उसे तुरंत प्रशासन को सूचना दे.

नारी की चौपाल में उपायुक्त ने बेटियों को जन्म देने वाली माताओं को भी सम्मानित किया, माताओं को बेटी के नाम की नेमप्लेट, एक पौधा, एक किलो घी व अन्य सामग्री की किट प्रदान की गई. उपायुक्त ने महिलाओं के बीच जाकर भी बातचीत की. कार्यक्रम की भागीदार महिलाओं ने उपायुक्त के साथ जमकर सेल्फी ली और फोटो खिंचवाए. इस दौरान राकवमावि, बेरी की छात्राओं ने स्वागत गीत व सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए.