कोटखाई बहुचर्चित गुड़िया रेप मर्डर की बरसी, पिता ने पीएम से लगाई न्याय की गुहार

ख़बरें अभी तक। शिमला के कोटखाई में दिल देहला देने वाली बहुचर्चित गुड़ियां रेप और मर्डर केस को पूरा एक साल हो गया, लेकिन बिटियां के माता पिता को अभी भी न्याय का इंतजार है. आज यानि 6 जुलाई को कोटखाई के हलाइला जंगल में गुडिय़ा का शव मिला था, लेकिन सीबीआई की हाईकोर्ट में दिए गए चार्जशीट में एक चरानी को ही इस वरदात के मुख्य आरोपी साबित करने पर सवाल खड़े कर दिए है. सीबीआई ने बीते सप्ताह हिमाचल हाईकोर्ट में इस मामले में अपनी आखिरी स्टेटस रिपोर्ट में नीलू नाम के एक चिरान का काम करने वाले व्यक्ति को ही गुड़ियां रेप मर्डर का एक मात्र आरोपी बता कर इस मामले में नया मोड़ ला दिया है.

अब मामले के आखिरी स्टेज में पहुचंने के साथ ही सीबीआई इस मामले में क्लोज़र रिपोर्ट डालने का मन बना रही है. ऐसे में गुड़ियां के परिजनों से साथ गुड़ियां के लिए लडाई लड़ने वाले विभिन्न सामाजिक संगठनों ने सीबीआई की थ्योरी को सवालों के खेरे में खड़ा करते हुए पर इस बेहद संगीन अपराध में असली दोषियों को पकड़ने में नाकाम रहने के आरोप लगाये है.

एक साल पूरा होने के बाद गुड़ियां को न्याय की मांग के लिए दिन रात शौक और क्षोभ के बीच हवैनियत का नंगा नाच करने वालों को सख्त सजा की उम्मीद पाले 16 साल की मासूम बेटी के पिता आज हताश, निराश और न्याय नहीं मिलने को लेकर नाउमीद दिखे. अपने गम को दिल में छुपाये रहे इस बेबस पिता ने आज पुलिस की भूमिका पर जम कर गुब्बार निकाला और पुलिस पर ही इस केस को बर्बाद करने के आरोप लगाये, लेकिन देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी की रिपोर्ट में भी एक मामूली चिरानी का काम करने वाले आदमी को मुख्य आरोपी बनाये जाने पर अब केस को बंद करने का मन बना चुकी सीबीआई की जांच पर विश्वास नहीं हो पा रहा है.

सीबीआई की थ्योरी पर भी गुड़ियां के पिता ने सवाल खड़े कर दिए है. इस बेबस पिता को कहीं ये भी लगता है की पुलिस की तरह की सीबीआई भी प्रभावशाली लोगों के हाथों में खेल कर असली आरोपियों को बचाने का काम कर रही है. बेटी के लिए न्याय की इस लड़ाई में कमज़ोर पड़ते इस पिता ने इस कदर फिर से हौंसला जुटाते हुए अब देश प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी से बेटी के साथ हैवानियत कर क्रूरता की हदें पार करने वालों को ढूढ़ कर न्याय की गुहार लगाई है.

देवभूमि में अपनी तरह की पहली वारदात ने न केवल एक बड़े जन आन्दोलन का रूप लिया था बल्कि प्रदेश मे जनता को सड़कों पर अन्दोलन, थानों को आग की भेंट चढ़ाने के साथ कथित तौर पर स्थानीय युवकों के इसमें शामिल होने के फोटोज तक सोशल मीडिया में वायरल हुए थे.

सीबीआई के इस जांच पर प्रदेश के पूर्व डीजीपी ने भी सवाल खड़े किये और कहा की जिस तरह से सीबीआई से लोगों की उम्मीदे थी उस हिसाब से जांच नहीं हुई है. जो कुछ इसमें निकला है उसमे इतना ज्यादा फर्क है उसमे सहमत होना मुश्किल है उन्होंने कहा की और कोई अगर इस मामले में शामिल होते तो सीबीआई को उन्हें सामने लाना चाहिए था लेकिन अब ट्राइल कोर्ट में चल रहा है और अब इस मामले में कोई और शामिल होने की कोई गुंजाइश नहीं है.

उधर गुड़ियां के एक साल पर मदद सेवा ट्रस्ट ने एक किताब , गुड़ियां एक अनसुनी चीख के नाम से जारी की है जिसमे इस मामले से जुड़े सभी तथ्यों को शामिल किया और किस तरफ से गुड़ियां लापता हुई उसके बाद पुलिस की भूमिका और लोगों के संघर्ष को दर्शाया गया है. गुड़ियां के लिए मदद सेवा ट्रस्ट शुरू से न्याय की लड़ाई लड़ रहा है और सीबीआई की जांच से वे भी खुश नहीं है.

इतना ही नहीं पुलिस और सरकार मामले में ऐसे उलझी कि न तो तब की कांग्रेस सरकार चुनाव में बच पाई और न ही जांच करने वाले पुलिस के अधिकारी सलाखों के पीछे जाने से बच सके. 16 साल की नाबालिग अपने घर से भाई के साथ स्कूल के लिए निकलती है. चार जुलाई 2017 को लापता हुई नाबालिग की लाश छह जुलाई को कोटखाई के जंगल में बिना कपड़ों के मिलती है. आज इस मामले को एक साल का वक्त बीत गया है, लेकिन अब तक कोटखाई गैंगरेप-मर्डर केस सुलझ नहीं पाया है. इस मामले ने सब को हिला कर रख दिया था. हिमाचल ही नहीं पुरे देश में इसको लेकर प्रदर्शन हुए पुलिस थाना तक फूंक दिया था एक साल के संघर्ष के बाद भी लेकिन अभी तक गुड़ियां को पूरी तरफ से न्याय नहीं मिल पाया है. गुड़ियां के पिता भी सीबीआई की जांच से खुश नहीं है और अब पीएम मोदी से इस मामले में मद्त की गुहार लगा रहे है.

गुड़ियां के पिता का कहना है की गुडिया को जल्द न्याय मिलना चाहिए, एक साल से गुडिया को न्याय नहीं मिल पाया है. सीबीआई ने इस मामले में एक चरानी नीलू को पकड़ा है, लेकिन एक नीलू का काम नहीं है ये उनका कहना है की अकेला नीलू ढाई दिन तक गुड़ियां को अकेला नहीं रख सकता है और अगर वे जगल में राखी होती तो शारीर पर मीट्टी होती सीबीआई को इसकी जांच करनी चाहिए थी गुड़ियां की जुराब और क्लिप एक साल बाद भी नहीं मिल पाई है.

उनका कहना है की हिमाचल पुलिस ने इस केस को बिगाड़ा है जिसकी वजह से सीबीआई को भी वक्त लग रहा है और हिमाचल पुलिस अगर सही से काम करती तो अब तक ये मामला सुलझ रहा है. उधर एक साल से न्याय की उम्मीद लगाये बैठे गुड़ियां के पिता अब सीबीआई से भी नाउम्मीद हो गए है. अब वे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले में खुअलसा करने की गुहार लगा रहे है. उनका कहना है कि मोदी जी इस मामले में दखल कर जल्द खुलासा करने का आग्रह किया.