महिला ट्रैफिक कांस्टेबल की सरेआम दबंगई

खबरें अभी तक। जैसा कि आप जानते हैं दिल्ली में आय दिन रिश्वत लेने की बात सामने आते रहती है। रिश्वत लेना तो जैसे की अब पुलिस कर्मचारियों का पेशा बन गया है। इन दिनो एक वीडियो वायरल हुआ है। जिसमें महिला ट्रैफिक कांस्टेबल सरेआम भीड़ के मध्य रिश्वत लेती दिखी इतना ही नहीं महिला ट्रैफिक कांस्टेबल हाथापाई पर भी उतर आई वो भी एम्स अस्पताल के पास जहां जगह-जगह पर सीसीटीवी कैमरे भी लगे हुए हैं और वहां हर समय अच्छी खीसी भीड़ लगी रहती है।

फिर भी ये महिला ट्रैफिक कांस्टेबल बेखोफ है क्या महिला को कानून का बिल्कुल भय नहीं है या कोई और वजह है.आपको बता दें की महिला ट्रैफिक कांस्टेबल एक नहीं बल्कि दो ऑटो को रोककर उसके ड्राइवरों से बहस करती दिख रही है और उनके साथ हाथापाई भी करती है। इस दौरान ऑटो चालक महिला कांस्टेबल को हाथ में कुछ पकड़ाते हुए भी देखा जा सकता है, जिसके बारे में कहा जा रहा है कि वो सरेआम रिश्वत ले रही है।

इस महिला कांस्टेबल का नाम नितेश बताया गया है। दिल्ली पुलिस से जब नितेश के बारे में पता किया तो पता चला कि इस नाम की एक कांस्टेबल दक्षिण दिल्ली में तैनात है। उन्हें इस बात की भी जानकारी थी कि इसे रिश्वतखोरी का वीडियो बताकर वायरल किया जा रहा है। लेकिन उनका कहना है कि ये आरोप सरासर झूठे हैं। हांलाकी पूरी घटना के बारे में नितेश ने कहा की य़ह घटना वाकया दिल्ली के एम्स इलाके का ही है। उनका कहना है अक्सर ऑटो वाले हॉस्पिटल के गेट के सामने ही ऑटो पार्क कर देते हैं। जिससे एंबुलेंस को आने-जाने में दिक्कत होती है और ट्रैफिक जाम भी हो जाता है।

उस दिन भी मैं ऑटोवालों का अवैध पार्किंग का चालान काट रही थी और मेने ऑटो वाले का ड्राइविंग लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट भी जब्त कर लिया और बाद में हौज खास ट्रैफिक सर्किल में चालन की रसीद के साथ जमा भी करवा दिया था। उस दिन मैंने 36 ऑटो वालों का चालान काटा था और वीडियो में जो मेरे हाथ में दिख रहा है वो उन्हीं ऑटोवालों का लाइसेंस है ना की रिश्वत। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस में नियुक्त डीसीपी डॉ. ए कोएन का कहना हैं कि इस मामले की जांच अभी पूरी नहीं हुई है। हालाकी वायरल टेस्ट में यह बात तो गलत निकली कि नितेश ऑटोवालों से रिश्वत ले रही थी।