मदरसों में ड्रेसकोड लागू करने और एनसीईआर्टी की किताबें पढ़ाये जाने पर आज़म खान ने उठाए सवाल

ख़बरें अभी तक। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मदरसों में ड्रेसकोड लागू करने और मदरसों में और एनसीईआर्टी की किताबें पढ़ाये जाने के मामले में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आज़म खान ने सवाल उठाए. उन्होंने कहा यह भी बताया जाए कि अगर इन आदेशों का पालन नहीं हुआ तो क्या दंड दिया जाएगा.मदरसा बुलडोज़ कर दिया जायेगा. बच्चे मार दिये जायेगे. टीचर्स पर तेजाब डाला जायेगा. क्या किया जायेगा? उसका पनिशमेंट भी साथ साथ हो तो ज्यादा अच्छी बात है.

साहब जो दिल चाहे करे. अगर वो ऐसा न करे तो क्या होगा. यह भी साथ में बताये. हर जुर्म की सजा भी डिक्लेअर करते चले, ताके एक बार फिर यह बात बेहस में आये. मिसिस इंद्रा गांधी की इमरजेंसी क्या थी और मिस्टर नरेंद्र मोदी की इमरजेंसी क्या है. यह बात सामने आना चाहिए. घोषित इमरजेंसी और अघोषित इमरजेंसी में वही फर्क होता है. जो सत्य में और अर्ध सत्ये में होता है. अर्ध सत्य असत्य से ज्यादा खतरनाक होता है. इस लिए घोषित इमरजेंसी से यह अघोषित ज्यादा खतरनाक है.

एएमयू में आरक्षण लागू करने को लेकर मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी के बयान पर भी आज़म खान व्यंग बाण चलाने से नहीं चुके, देखिये दरअसल यूनिवर्सिटी का मामला है. अगर इस में पढ़े लिखे लोग मशवरा दे तो ज्यादा अच्छी बात है. थोड़ा पढ़ा लिखा होना ज़रूरी है. थोड़ा संविधान को भी पढ़ा हुआ हो, थोड़ा सा कानून भी जनता हो, दो चार अक्षर पढ़े हो, चौथा छटा पास हो कम से कम. वो अगर इस मामले में बोले तो अच्छा लगेगा.