धार्मिक रिवाज के नाम पर लोगों में चढ़ा आत्महत्या करने का जनून

खबरें अभी तक। दिल्ली के एक घर में एक साथ 11 लाशें मिली हैं। ये हत्या है या आत्महत्या, दोनों एंगल से जांच की जा रही है। लेकिन इतिहास की बात करें तो कई बार दिल दहलाने वाली सामूहिक आत्महत्या की घटनाएं सामने आई हैं। कई बार लोगों को धार्मिक रिवाजों के नाम पर भी आत्महत्या करने पर मजबूर किया गया है। सबसे दर्दनाक सामूहिक आत्महत्या की घटना आज से 40 साल पहले जोन्सटाउन में हुई थी।

दक्षिण अमेरिका के गुयाना के जोन्सटाउन में एक पीपल्स टेंपल (लोगों का मंदिर) बनाया गया था। साल 1978 में एक ही साथ 913 लोग जहरीले जूस पीने से मारे गए थे। इनमें 276 बच्चे थे। रिपोर्ट के मुताबिक, एक धार्मिक संस्था के नेता जिम जोन्स ने जरूरतमंदों की मदद करने के नाम पर लोगों को इकट्ठा किया था। लेकिन बाद में भेद खुलने लगा कि लोगों को जबरन रखा गया है। इसके बाद एक जनप्रतिनिधि को मंदिर का दौरा करने पर मार दिया गया। इसके बाद जिम जोन्स ने लोगों के बीच यह बात फैलाना शुरू किया कि उन्हें पकड़ा जाएगा और टॉर्चर किया जाएगा। खुद जोन्स गोली लगने से मरा। हालांकि, इस बात को लेकर कुछ हिस्सों में विवाद भी है कि वाकई में ये एक हत्या थी या फिर सामूहिक आत्महत्या।

5 सबसे बड़ी सामूहिक आत्महत्याएं: 913 लोगों ने एक साथ दी थी जान

मार्च 1997 में कैलिफोर्निया में 39 लोगों ने एक ही तरह के कपड़े और जूते पहनकर आत्महत्या कर ली। ये लोग हैवेन्स गेट नाम के समूह से जुड़े थे जो UFO में विश्वास करता था। उन्हें उम्मीद थी कि वे धरती छोड़कर आसमान में एक अलौकिक दुनिया में चले जाएंगे।

दूसरा विश्वयुद्ध खत्म होने के समय जर्मनी के डेमिन में कई सौ लोगों ने आत्महत्या कर ली। उन्हें डर था कि पकड़े जाने पर सोवियत रेड आर्मी उन्हें प्रताड़ित करेगी और मार देगी। आत्महत्या करने वालों की संख्या 700 से एक हजार के बीच बताई जाती है।

5 सबसे बड़ी सामूहिक आत्महत्याएं: 913 लोगों ने एक साथ दी थी जान

1994 में सोलर टेंपल नाम के समूह से जुड़े 48 लोगों ने स्विटजरलैंड में आत्महत्या कर ली। बाद में ये मालूम चला कि इस समूह के नाम पर स्विटजरलैंड, फ्रांस और कनाडा में काफी प्रॉपर्टी रजिस्टर्ड हैं। यह भी पता चला कि समूह मनी लॉन्ड्रिंग और आर्म्स ट्रैफिकिंग में भी शामिल रही है। हालांकि, समूह ये दावा करता था कि वे धरती की त्रासदियों से तंग आकर नए ग्रह पर जा रहे हैं।

साल 2000 में यूगांडा के मूवमेंट फॉर द रिस्टोरेशन ऑफ द टेन कमांडेंट्स नाम की धार्मिक संस्था से जुड़े 778 लोगों ने आत्महत्या कर ली थी। इस समूह की अजीब मान्यताएं थी। ये लोग शुक्रवार और सोमवार को ही खाते थे और इनके बीच सेक्स और साबुन भी बैन था।