झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही के चलते महिला की मौत

ख़बरें अभी तक। कहते है धरती पर डॉक्टर का दर्जा भगवान से कम नहीं लेकिन वहीं डॉक्टर मरीजों को प्राथिमिकता न दे और मरीजों के साथ खिलवाड़ करे, और जिम्मेदार स्वास्थ विभाग इन डॉक्टरों की करतूतों की अनदेखी करे तो सवाल गम्भीर हो जाता है जनपद में ऐसे ही कई मामले सामने आये जहां झोलाछाप डॉक्टरो के इलाज के कारण कई की जान चली गई और जिम्मेदार स्वास्थ विभाग कार्रवाई की जगह चुप्पी साधे बैठा है. ताजा मामला कस्वा डेरापुर का है जहां छोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही के चलते एक महिला की जान चली गई.

उत्तर प्रदेश स्वास्थ सेवाओं की सुद्रण होती स्वास्थ व्यवस्था के बीच जनपद में झोलाछाप और मानक विहीन प्राइवेट अस्पतालों के कई मामले सामने आये है जो की जनतंत्र के बीच करारा तमाचा मारते दिखाई दे रहे है.  मरीज के लिए डॉक्टर का दर्जा भगवान से कम नही होता और मरीज सबसे ज्यादा भरोसा डाक्टर पर करता है मरीज को यकीन होता है कि डॉक्टर उसे स्वस्थ कर देगा और वह अपनी जिन्दगी अच्छे से जी सकेगा लेकिन जब डॉक्टर ही मौत का सौदागर निकल जाए तो भला मरीज और उसके परिजन क्या कर सकते है.

जी हां जनपद में झोलाछाप डॉक्टरों का कारोबार स्वास्थ विभाग की सरफरस्ती में अच्छे से फलफूल रहा है और ये मौत के सौदागर मरीजो को ठगने में लगे हुए है ऐसा ही ताजा मामला आया है जनपद कानपुर देहात के थाना डेरापुर क्षेत्र के कस्वा डेरापुर से, जहां एक झोलाछाप डॉक्टर की हरकत और इलाज से महिला की जान चली गयी, पूरा मामला है कस्वा डेरापुर के प्राइवेट अस्पताल एमएस मेमोरियल क्लिनिक का, यहां कस्वा निवासी महिला स्नेहलता को उसके परिजन पेट दर्द के चलते इलाज के लिए अस्पताल लाये जहां बिना डिग्री बाले डॉक्टर ने इलाज करना शुरू कर दिया, गलत इलाज के चलते महिला की हालत ख़राब हो गई और महिला अचेत हो चली जिसके आनन फानन में अवैध अस्पताल के मालिक और डॉक्टरों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हवासपुर भेज दिया जहां डॉक्टरों ने महिला को मृत घोषित कर दिया.