ज़मीनी विवाद के चलते बुज़ुर्ग की पीट-पीट हत्या

ख़बरें अभी तक। कानपुर देहात में ज़मीनी विवाद के चलते एक बुज़ुर्ग की पीट पीट कर हत्या कर दी गयी ह्त्या से पूरे इलाके में सनसनी फ़ैल गयी मृतक के परिजनों का आरोप है कि पुलिस की लापरवाही के चलते भू माफियाओं के हौसले बुलंद थे, लिहाज़ा भू माफियाओं ने बुज़ुर्ग को मौत के घाट उतार दिया घटना की जानकारी लगते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्ज़े में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया यूपी नाउ पर खबर चलने के बाद पुलिस हरकत में आयी, मामले में लापरवाही बरतने पर स्थानीय चौकी इंचार्ज को पुलिस अधीक्षक ने निलंबित कर दिया है और मामले की जांच कर कार्रवाई की बात कह रहे है.

ये सनसनीखेज़ वारदात कानपुर देहात के अकबरपुर कोतवाली की है जहां ज़मीन के एक टुकड़े के लिए बुज़ुर्ग राम सजीवन को पीट पीट कर मौत के घाट उतार दिया दरअसल राम सजीवन ने सन 2004 में हीरालाल से खरीदा था हीरालाल की मौत हो गयी जिसके बाद हीरालाल के लड़को ने उस ज़मीन को उदय नारायण नाम के शख्स के हाथ दुबारा बेच दिया कब्ज़े के लेकर उदय नारायण और मृतक राम सजीवन के बीच विवाद चल रहा था जिसकी शिकायत मृतक राम सजीवन कई बार अकबरपुर कोतवाली और स्थानीय चौकी इंचार्ज उपदेश कुमार को दी थी लेकिन पूरे मामले में पुलिस ने लापरवाही बरती जिसके बाद उदय नारायण के हौसले बुलंद हो गए और उसने अपने साथियों के साथ मिलकर बुज़ुर्ग राम सजीवन की पीट पीट कर ह्त्या कर दी.

वहीं पुलिस की माने तो मृतक राम सजीवन की पीट पीट कर ह्त्या नहीं हुयी है मृतक राम सजीवन को धमकियां दी गयी थी जिससे उन्हें हार्ट अटैक पड़ा और उनकी मौत हो गयी बहरहाल मृतक राम सजीवन के परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है और पुलिस अधीक्षक भी मान रहे है की ज़मीनी विवाद में राम सजीवन की मौत हुयी है और पुलिस ने लापरवाही बरती जिससे ये घटना हुयी लिहाज़ा स्थानीय चौकी इंचार्ज उपदेश कुमार को निलंबित कर दिया गया है और पूरे मामले की जांच की जा रही है.

बहरहाल स्थानीय चौकी इंचार्ज को भले ही निलंबित कर दिया गया हो लेकिन सवाल ये उठता है कि अगर पुलिस वक्त रहते कार्रवाई करती तो यक़ीनन ये घटना ना होती और बुज़ुर्ग राम सजीवन ज़िंदा होता.