प्रशासन और खनन माफियाओं का बड़ा खेल

खबरें अभी तक। सूबे के मुखिया  योगी आदित्यनाथ प्रदेश में अवैध खनन को लेकर कड़ा रुख अपनाते हुए अधिकारियो को निर्देशित किया है की खदानों में किसी तरह की मशीनों से मोरंग नहीं निकाली जाएगी लेकिन फतेहपुर  के गाज़ीपुर थाना क्षेत्र गोकन घाट में सूबे के मुखिया के निर्देशों को खनन माफिया हवा में उड़ाते हुए यमुना की कोख से भारी पैमाने पर मशीनो के द्वारा मोरंग खनन हो रहा है।

दर्जनों की संख्या में पोकलैंड मशीनें यमुना की कोख को छन्नी कर करोडो की मोरग निकाल रहे हैं , अच्छी और कीमती मोरंग की चाहत में मोरम माफिया नदी की धारा से मोरम निकाल रहे हैं लेकिन प्रशासन को कुछ भी नहीं दिख रहा है | जबकि सूबे के मुखिया ने खनन को लेकर प्रदेश की सबसे बड़ी कार्यवाही करके अधिकारियो को सुधारने का प्रयास किया था लेकिन उसके बावजूद अधिकारियो की नाक के निचे बड़े पैमाने पर दर्जनों पोकलैंड मशीनों से यमुना नदी की धारा को परवर्तित कर खनन का बड़ा खेल किया जा रहा हैं |

जिले के गोकन मोरम घाट का यह नज़ारा देखिए. हर तरफ पोकलैंड मशीनों द्वारा एनजीटी और सरकार के निर्देशों को ताख पर रखकर मोरंग खनन कराया जा रहा है, और तो और खनन माफिया यमुना नदी की जलधारा को परवर्तित कर पोकलैंड मशीनों द्वारा मोरंग निकाल रहे हैं और जिला प्रशासन चुप्पी साधे हुए है , कैमरे में कैद इन तश्वीरो को देखकर आप अंदाजा लगा सकते है की खनन माफिया लाल सोने की लूट के लिए किस तरह से प्राकृतिक के साथ खिलवाड़ कर रहे है.

मोरंग और राजस्व की लूट का यह नजारा जिम्मेदार अधिकारियों को बिल्कुल नहीं दिखता, खेरतअंगेज यह भी कम नहीं कि जांच के नाम पर अधिकारियों के खनन एरिया में पहुंचने के पहले  खनन माफिया को सूचना मिल जाती है और सारी मशीनों को मौके से हटाकर जंगलों में छिपा दिया जाता है और अधिकारी सब कुछ नियमों के मुताबिक होने का दावा कर देते हैं, अवैध खनन के मामले में कुछ समय पहले एसडीएम और खनन अधिकारी व क्षेत्राधिकारी समेत आधा दर्जन अधिकारियों के हुए निलंबन जैसी बडी़ कार्यवाही के बावजूद मोरंग माफिया की मनमानी जारी है।

हलाकि इस मामले में जिला अधिकारी आंजनेय कुमार सिंह से बात की तो उनका कहना है कि तहसील स्तर पर टास्क फोर्स टीम को निर्देश दिया गया है कि रेगुलर विजिट करते रहें और नजर बनाए रखें इसके बाद भी अगर ऐसा कुछ होता है तो दोषी अधिकारियो पर कार्रवाई की जाएगी। इससे यह साफ़ है की सूबे के मुखिया अधिकारियो को सुधर जाने के निर्देश दे रहे है लेकिन अधिकारी सरकारी राजस्व की लूट करवाने में लगे हुए है |