पंचकूला UNDER THIRD EYE… , अब नहीं बचेगा कोई अपराधी

खबरें अभी तक। पंचकूला देश का पहला जिला होगा, जहां चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी कैमरे की नजर रहेगी। साढ़े 13 करोड़ की लागत से 323 नए कैमरों के साथ 2 ड्रोन कैमरे भी लगाए जाएंगे। इसके अलावा प्रत्येक एंट्री एग्जिट पॉइंट पर फेस रिकॉगनाइजेशन सॉफ्टवेयर भी इनस्टॉल किया जाएगा, जो अलार्म के जरिये अपराधी की सूचना कंट्रोल रूम में देगा। निगम के इस अहम प्रयास से पुलिस को अपराधियों पर नकेल कसने में भी मदद मिलेगी।

नगर निगम कमिश्नर राजेश जोगपाल ने  पहल करते हुए पंचकूला के चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी लगवाने का निर्णय लिया है। जिसके तहत 323 नए सीसीटीवी कैमरे व 2 ड्रोन कैमरे लगाए जाएंगे। जबकि 25 अगस्त को दंगों के दौरान टूटे 8 कैमरे रिप्लेस किये जायेंगे। जबकि 48 कैमरे पहले से जगह-काम कर रहे हैं। इसके अलावा पंचकूला जिले में हर एंट्री एग्जिट पॉइन्ट के साथ बॉर्डर एरिया में कैमरे लगाने के साथ-साथ फेस रिकॉगनाइजेशन सॉफ्टवेयर की इनस्टॉल किया जाएगा, जो इस सिस्टम के जरिये पुलिस रिकॉर्ड में शामिल डिफॉलटर  वाहनों व अपराधियों के एंटर होते ही कंट्रोल रूम में अलार्मिंग के जरिये  सूचना देगा, जिसमे 30 दिन तक की रिकॉर्डिंग सुरक्षित रहेगी। निगम का यह कदम अपराधियों पर नकेल कसने में मील का पत्थर साबित होगा और कुख्यात शातिर अपराधी तीसरी आंख से बच नहीं पाएंगे। नगर निगम कमिश्नर राजेश जोगपाल ने बताया कि कैमरे लगवाने के लिए पुलिस   विभाग से सर्वे करवाया गया है,  जबकि इसका पूरा खर्च निगम वहन करेगा। कमिश्नर का दावा है कि इस प्रोजेक्ट के लिए वर्क आर्डर अलॉट कर दिया है और अगले 6 महीने में इस प्रोजेक्ट को पूरा कर लिया जाएगा। कमिश्नर ने दावा किया कि पंचकूलावासियों की सुरक्षा व इलाके का विकास करवाना उनका ध्येय है

दरअसल जब 25 अगस्त 2017 को दो साध्वियों से योन शोषण के आरोप में बाबा गुरमीत राम रहीम को पंचकूला स्थित हरियाणा की सीबीआई कोर्ट ने दोषी करार दिया था, उस समय बाबा के समर्थकों ने पंचकूला में जमकर तोड़फोड़ व आगजनी की थी। हालांकि जहां-जहां सीसीटीवी कैमरे लगे थे, उनमे रिकॉर्ड वीडियो फुटेज के जरिये पुलिस को अपना पक्ष मजबूती से रखने में काफी मदद मिली है, लेकिन कई स्थान ऐसे से जहां सबूत न मिलने की वजह से कई अपराधी पुलिस कारवाही से भी बच गए, उस समय शहर पर नजर रखने के लिए ड्रोन कैमरे गुरुग्राम व फरीदाबाद से मंगवाने पड़े। इसके अलावा चंडीगढ़ के साथ होने के चलते सैकिंड कैपिटल माने जाने वाले पंचकूला में वीआईपी मूवमेंट भी ज्यादा रहती है। जिनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना भी एक अहम हिस्सा है। इन सबसे सबक लेते हुए निगम ने यह अनूठी पहल की है।

निगम का यह प्रयास बेशक काबिलेतारीफ है, देखना यह दिलचस्प रहेगा कि इस प्रोजेक्ट के सिरे चढ़ने से पंचकुला निवासी कितने महफूज हो पाते हैं।