खबरें अभी तक। जल ही जीवन है। इसके बिना मनुष्य, जीव-जंतु और पेड़-पौधों की कल्पना तक नहीं की जा सकती है। पानी के अति दोहन पर यदि समय रहते अंकुश नहीं लगाया गया तो आगामी समय में गंभीर संकट का सामना करना पड़ सकता है। हर घर में पंप व सबमर्सिबल लगने से पानी की बर्बादी सौ गुना तक बढ़ गई हैं। इससे सैकड़ों मिलियन लीटर पानी बर्बाद हो जाता है। इसी को देखते हुए एक इंजीनरिंग इंस्टिट्यूट के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं संचार अभियांत्रिकी के छात्रों ने स्मार्ट वॉशबेसिन का निर्माण किया है। जिसमें जहां पानी की टेप खुले रह जाने पर मोबाइल में मैसेज आएगा। वहीं बेसिन के पानी को रीसायकल कर दोबारा नहाने और पेड़ो के इस्तेमाल में ले सकेंगे| वहीं छात्र के इस आविष्कार के लिए उसको 50 हजार का इनाम भी मिला है।
अक्सर लोग वॉशबेसिन की टोटी खुली छोड़ देते हैं या इनसे पानी टपकता रहता है। लेकिन स्मार्ट वॉशबेसिन को लगाने से यह समस्या खत्म हो जाएगी। टोटी से पानी टपकने पर मोबाइल पर मैसेज आ जाएगा। अहम बात ये है कि अगर टंकी में पानी का रिसाव हो रहा है या टोटी खुली छोड़ दी है तो भी मोबाइल पर मैसेज आ जाएगा।वही ये बेसिन पानी को साफ़ कर दोबारा इस्तेमाल के लायक भी बना देगी | 1स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन-हार्डवेयर एडिशन के शुरुआती चरण में भी छात्रों का यह प्रोजेक्ट चयनित हो चुका है। देश भर में 600 टीमों में जगह बनाई।
इससे पहले एकेटीयू लखनऊ में ऑल ओवर उत्तर में इनोवेशन गैलरी लगाई गई। इसके बाद अब इंडिया हैकाथॉन-2018 प्रतियोगिता में देश भर से 10 हजार से ज्यादा प्रोजेक्ट शामिल किए गए। इसका फाइनल एनआइटी त्रिची में हुआ। इसमें चयनित होने पर छात्र यश खन्ना, तनुज टंडन व उत्कर्ष गुप्ता ने 50 हजार रुपये का नकद पुरस्कार जीता। इस प्रोजेक्ट पर छात्रों ने काम एसोसिएट प्रोफेसर डॉ.क्षितिज सिंघल व सहायक प्रवक्ता अमित