पीएम मोदी और यूपी सरकार ड्रीम प्रोजेक्ट की उड़ी धज्जियां, कूड़े के ढेर मे जिला पूर्ति कार्यालय

खबरें अभी तक। अब बात करते हैं उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद की भले ही भारत सरकार और यूपी सरकार ड्रीम प्रोजेक्ट अभियान हो  मगर आपको दिखाते हैं स्वच्छता का कड़वा सच कैसे खुलती सरकारी ऑफिसों के जिला पूर्ति कार्यालय पोल का नजारा दिखाते हैं। स्वक्षता अभियान का एक नजारा मिला बलिया कोतवाली अंतर्गत स्थित जिलापूर्ति कार्यालय के उन कमरों में जहाँ दर्जनों कर्मचारी जनता के राशन कार्ड की डाटा इंट्री का काम करते है यह कार्यालय जिलाधिकारी के कार्यालय से चंद दूरी पर स्थित है फिर भी अंदर का नजारा मनो कुड़े के ढेर में तब्दील है।

एक तरफ जहां मोदी और योगी की सरकार देश मे सभी कार्यालयों को साफ और स्वच्छ रखने की बात कर रही है तो वही दूसरी तरफ बलिया जिलापूर्ति के कार्यालय के कमरों में जहा दिन के 10 घंटे कर्मचारी अपना काम मेहनत और लगन से करते  दिखे वही उनका आपरेटिंग रुम कूड़े कागज पानी और कोल्ड्रिंग के बोतल से जमीन पर बिखरे मिले यहीं नहीं कुछ तो महानुभाव कागजों से भरे बोरो पर आराम भी फरमाते मिले और सरकारी जो जनता से जुड़े कागजात है।

उनका तो रख रखाव ऐसा दिखा मानो किसी ने जबरजस्ती कार्यालय पर बोझ रख दिया हो और वर्षों से किसी ने जमीन पर गिरे किसी भी वस्तु को वहा से हटाने की जरूरत ही नहीं समझा हो या सरकार का डर नहीं।शायद यही वजह है कि कूड़े से भरा जिलापूर्ति कार्यालय कूड़ों के ढेर में तब्दील है। जब बलिया जिलापूर्ति कार्यालय के अधिकारी से बात करने पहुंचे तो जनाब अपने ऑफिस में मौजूद नहीं मिले।