ग्रामिणों ने संचपंच पर लगाया 50 लाख रूपए की मिट्टी बेचने का आरोप

खबरें अभी तक। प्रदेश की मनोहर सरकार और उसके मंत्री भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस के बड़े बड़े दावे करते हैं। परंतु इन दावों में कितनी सच्चाई है गुहला चीका में देखा जा सकता है जहां पर भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। गुहला चीका में अधिकारियों की मिलीभगत से सरपंच सरकार को लाखों रुपए का चूना लगा रहे हैं। गुहला चीका के बेलबेड़ा गांव में ग्रामीणों ने सरपंच राकेश कुमार पर 50  लाख रुपए की पंचायती मिट्टी बेचने का आरोप लगाए हैं। ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचे पत्रकारों को गड्ढे दिखाएं जिसमें से 30 से 40 फुट मिट्टी उठाई गई है। ग्रामीणों ने बताया कि सरपंच द्वारा उक्त मिट्टी उनके गांव में बनने वाले बाईपास के ठेकेदार जो कि सरपंच का चचेरा भाई है।

उसको बेची गई है यह पूरा खेल प्रशासन की मिलीभगत से चल रहा है। प्रशासन को बार-बार शिकायत करने के बावजूद भी प्रशासन ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि उनके द्वारा खनन विभाग कुरुक्षेत्र के अधिकारियों को भी इसके बारे अवगत करवाया था। परंतु खनन विभाग के अधिकारी भी भ्रष्टाचार में लिप्त है और उन्होंने इस पर कोई कार्यवाही नहीं की ग्रामीणों ने यह भी बताया कि जब बार-बार अवगत कराने के बावजूद भी मिट्टी बेचने का कार्य बंद नहीं हुआ तो वह खुद ही मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों के मौके पर पहुंचते ही वहां पर मौजूद लोग मिट्टी की खुदाई करने वाली JCB और ट्रैक्टर ट्राली लेकर वहां से भाग गए।

प्रशासन पर सवाल

इस पूरे मामले में अब सवाल प्रशासन पर उठता है 30 से 40 फुट गहरे खड्डे तक मिट्टी की खुदाई होना और शिकायत के बावजूद भी प्रशासन का कार्यवाही ना करना कहीं ना कहीं प्रशासन के पर सवाल खड़ा करता है और जो आरोप ग्रामीणों द्वारा सरपंच और बीडीपीओ पर मिलीभगत के लगाए जा रहे हैं नकारा नहीं जा सकता।

बीडीपीओ चीका पर लगातार लग रहे हैं आरोप ।

पंचायत अधिकारी चीका राजकुमार चांनना पर लगातार आरोप लग रहे हैं इससे पहले भी गांव भागल के सड़क निर्माण सामग्री में घोटाले के आरोप पर ग्रामीणों ने सरपंच पर बीडीपीओ की मिलीभगत से भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया था और गौरतलब है कि बीडीपीओ द्वारा गांव भागल के सरपंच के पक्ष में रिपोर्ट बनाकर भेजी गई थी जिसको PWD एक्शन ने शुरुआती जांच में ही कमी बताकर बीडीपीओ चीका की रिपोर्ट पर सवाल खड़े कर दिए थे अब ऐसे में बीडीपीओ चीका पर सरपंचों से मिलीभगत करके भ्रष्टाचार के आरोप ग्रामीणों द्वारा लगाए जाते हैं वह कहीं ना कहीं सत्य होती नजर आ रहे हैं।

बीडीपीओ ने कैमरे पर बोलने से किया इंकार।

जब इस बारे बीडीपीओ गुहला राजकुमार चांनना से बात करना चाही तो उन्होंने कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया और कहा कि मैं कैमरे पर कुछ भी बोलने के लिए बाध्य नहीं हूं।